चीन में कोरोना के कहर को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर नजर आ रही है। बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कोरोना के स्थिति की समीक्षा की। कोरोना को देखते हुए एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना के नए मामलों और वैक्सीनेशन को लेकर चेतावनी दी है।
रणदीप गुलेरिया ने कहा कि डेटा से पता चलता है कि जिन लोगों ने बूस्टर डोज लिया है। उनमें लॉन्ग कोविड होने की संभावना कम है। साथ ही उन्होंने कहा कि सर्दियों में वायरल संक्रमण बढ़ जाता है। ऐसे में हाई रिस्क वाले लोगों को बेहतर देखभाल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए बूस्टर डोज महत्वपूर्ण है। लेकिन हमें वर्तमान टीकों की प्रभाव को समझने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले शोध भी करने चाहिए।
नए वेरिएंट का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
नए वेरिएंट के भारत में असर को लेकर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत की स्थिति चीन की तुलना में बहुत बेहतर है। हालांकि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना टेस्ट में कमी आई है। सर्दी में लोग इसे वायरल फ्लू समझकर टेस्ट नहीं करा रहे हैं। अगर और टेस्ट होंगे तो वायरस के म्यूटेशन का पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि हम हल्की बीमारी वाले मामलों की संख्या में वृद्धि देख सकते हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम अस्पताल में भर्ती होने या मौतों में वृद्धि देखने जा रहे हैं क्योंकि हमारी इम्युनिटी पावर अधिक है।
कोरोना केस की संख्या में वृद्धि
डॉक्टर ने कहा कि यह वेरिएंट भारत में काफी समय से है। लेकिन हमने अस्पताल में भर्ती होते मरीज या मौतों को नहीं देखा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास कोरोना केस की संख्या में वृद्धि हो सकती है।लेकिन बड़ी संख्या में लोग आगे नहीं आ रहे हैं और जांच नहीं कर रहे हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि हमारे देश में पॉजिटिव मामलों की संख्या कम है।