नई दिल्ली : एम्स को देश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक चिकित्सकीय संस्थान माना जाता है। शायद इसीलिए यहां रोजाना अलग-अलग राज्यों के दस हजार से भी ज्यादा मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसा नहीं जिन राज्यों से मरीज यहां आते हैं वहां अस्पताल नहीं है। लेकिन बदइंतजामी और लोगों के कम भरोसे की वजह से मरीज उन अस्पतालों का रुख कम ही करते हैं। इसलिए अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन्हें भी एम्स जैसा बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए एम्स से इन अस्पतालों में डॉक्टरों को भेजा जाएगा जो वहां जाकर अपना वर्क कल्चर सिखाएंगे। इसकी शुरुआत नए बने एम्स और पीजीआई सेंटरों से किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की मानें तो इस योजना के तहत एम्स से कुछ सीनियर फैकल्टी नए बने एम्स और पीजीआई सेंटरों पर जाएंगे। वहां वे दो सप्ताह तक अपने काम करने के तौर तरीके की जानकारी देंगे। वह बताएंगे कि दिल्ली स्थित एम्स में किसी स्थिति मे मरीज के इलाज की कौन सी तकनीक अपनाई जाती है और कैसे उसका रिकॉर्ड मेनटेन किया जाता है। इसके अलावा मरीजों के भीड़ को किस तरह कम समय में गुणवत्ता पूर्ण इलाज दिया जा सकता है। इस योजना के तहत उन अस्पतालों के डॉक्टर भी एम्स आकर इसका अनुभव कर सकते हैं। इसके लिए बीते सप्ताह ही मंत्रालय में मंत्रणा हो चुकी है।
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