जदयू के पूर्व सांसद शरद यादव ने कहा है कि उनके कुछ विरोधी नहीं चाहते हैं कि वह संसद में देशहित के मुद्दे उठा सकें। शरद यादव को हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।
शरद ने कहा कि उनके विरोधी समाज के सभी वर्गों से जुड़े राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को संसद में मजबूती से उठाने से उन्हें रोकने के लिए ये बाधायें उत्पन्न कर रहे हैं। राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू द्वारा उच्च सदन में उनकी सदस्यता रद्द करने के बाद यादव ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी थी।
अदालत ने कल उनकी इस मांग को ठुकराते हुए सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी। अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यादव ने ट्वीट कर कहा संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के मामले में न्यायपालिका के आदेश का सम्मान करते हुए मैं कहना चाहता हूं कि संसद में समाज के सभी वर्गों से जुड़े मुद्दे मजबूती से उठाने से मुझे रोकने के लिये मेरे विरोधी जिम्मेदार हैं।
While I respect & thank judiciary for order on my petition against disqualification, I would like to say that my opponents are responsible in obstructing me to raise questions forcefully in respect of important national issues of all sections of d society in Parliament.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) December 16, 2017
उल्लेखनीय है कि यादव ने राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के सभापति के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। इसके लिए दायर याचिका में उन्होंने अदालत का फैसला आने तक संसद की कार्यवाही में भाग लेने की भी अनुमित मांगी थी। हमारी मुख्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें।