पटना: कल आयोजित भारत बंद में राजद के शामिल होने की घोषणा से बिहार की जनता के सहम जाने की बात कहते हुए पूर्व विधायक और प्रदेश भाजपा प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने कहा “ राजद नेताओं द्वारा कल के भारत बंद में शामिल होने की घोषणा से बिहार की जनता अभी से ही सिहर उठी है. याद करें तो अपने हर बंदमें राजद के समर्थक जैसा उपद्रव करते हैं वैसा देश में कोई पार्टी नही करती है. अभी अपने पिछले बंद में इनके लोगों ने जो अराजकता फैलाई थी, उसकी यादें और डर अभी तक लोगों के मन में ताजा है.
कोशिश करने पर भी कोई नही भूल सकता कि कैसे इनके समर्थक तपती कड़ी धुप में महिलाओं बच्चों समेत हजारों भूखे-प्यासे लोगों को रोड पर रोक ढोलक-हारमोनियम के साथ नाच-गा रहे थे. कोई नही भूल सकता कि कैसे कितने मरीजों ने इनकी संवेदनहीनता के कारण जाम में फंस दम तोड़ दिया था, ऊपर से इनके कार्यकर्ताओं ने कितने ही मरीजों को जो एंबुलेंस से उतार उनसे राजद जिंदाबाद के नारे लगवाने का अमानवीय कार्य भी किया था, वह भी सबको याद है. इसके अलावा लाखों मेहनत मजदूरी करने वाले दिहाड़ी मजदुर, ठेले-खोमचे वाले, गरीब रिक्शा चलाने वाले लोग भी अपने और अपने बाल बच्चों के कल के भोजन-पानी की चिंता कर रहे हैं,
क्योंकि बाहर निकलने पर राजद के लोग उन्हें मारपीट कर या तो उनका सामान छीन लेते हैं या उन्हें आग के हवाले कर देते हैं. पता होने के बावजूद कि राजद के लोगों पर कोई असर नही होगा फिर भी उनसे हमारी अपील है कि कम से कम कल निरीह लोगों को अपनी राजनीतिक हितों का शिकार न बनायें और अपने बंद में गरीब, जरूरतमंद और मरीजों को जरुर राहत दें.”
श्री रंजन ने आगे कहा “ पूरे देश में आज शायद राजद ही अकेली ऐसी पार्टी होगी जो अपने कार्यकर्ताओं द्वारा बंद में फैलाई अमानवीय अराजकता पर माफ़ी मांगने के बजाए,उन्हें और ऐसे काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है और ऐसा करने वालों का मान बढ़ाती है. दरअसल लोग जानते हैं कि राजद का हमेशा ही गुंडागर्दी और अराजकता में विश्वास रहा है.
शायद इन्हें लगता है कि इस तरह के कामों से जनता भयभीत होकर इन्हें वोट दे देगी. राजद के युवराजों का पार्टी में प्रभाव बढ़ने से कईयों को लगा था कि शायद राजद में अब कोई परिवर्तन आएगा, लेकिन इसके ठीक विपरीत राजद में इस तरह के तत्व और ज्यादा हावी हो गयें है, जो पिछली बंदी में साफ़ साफ़ दिखा था. राजद के नेताओं को अभी भी पता नही चल पा रहा है कि इनके इसी तरह के आचरण के कारण बिहार की जनता का इनसे मोहभंग हो गया है, शायद यही कारण है कि यह आज भी अपनी उन्मादी राजनीति को छोड़ने के लिए तैयार नही है.