नयी दिल्ली : कांग्रेस ने कश्मीर में सैन्य अधिकारी उमर फैयाज की आतंकवादियों द्वारा हत्या किये जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि फैयाज जिस उद्देश्य के लिए खड़े थे, उसे परास्त करने की कोशिश करने वाले खुद पराजित होंगे। पार्टी ने साथ ही यह भी कहा कि कश्मीर की स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों द्वारा लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या की निंदा करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा, ”समूचा देश फैयाज के परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के साथ दुख साझा करता है। मेरी गहरी शोक संवेदनाएं।” उन्होंने ट्विटर पर कहा, ”उनकी याद कभी नहीं मिटेगी। जिस उद्देश्य के लिए वह खड़े थे, उसे परास्त करने की कोशिश करने वाले खुद पराजित होंगे।” एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लेफ्टिनेंट उमर फैयाज (23) को पांच से छह आतंकियों ने कल रात दक्षिण कश्मीर के शोपियां में उनके रिश्तेदार के यहां से अगवा कर लिया। गोलियों से छलनी उनका शव आज सुबह शोपियां के हरमेन इलाके में मिला।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने भी पार्टी की ओर से फैयाज के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके परिवार को इस मुश्किल घड़ी में धैय और हिम्मत दे। उन्होंने कहा, ”इस कायराना एवं बर्बरता पूर्ण की जितने भी कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम होगी।” उन्होंने कहा कि इस घटना ने कश्मीर की लगातार बिगड़ती स्थिति और वहां लगातार चल रहे हिंसा के दौर की ओर देश का ध्यान आकृष्ट किया है। यह सचमुच में चिंताजनक है।
कुमार ने कहा, ”आपको मालूम होगा कि जब से 56 इंच की सरकार (प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की ओर संकेत) 2014 में बनी है, तब से कश्मीर में 1300 से ज्यादा संघर्षविराम उल्लंघन (पाकिस्तान की ओर से) हो चुके हैं। इसके अलावा जम्मू कश्मीर में 170 से अधिक आतंकवादी घटनाएं हो चुकी हैं।” उन्होंने कहा कि कश्मीर की स्थिति सचमुच चिंताजनक है। प्रधानमंत्री बहुत से विषयों पर टिप्पणियां करते रहते हैं किन्तु देश की आंतरिक सुरक्षा के मामले में उनको किसी तरह की चिंता नहीं है।
कुमार ने कहा कि जब से मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने तब से देश में कोई स्थायी रक्षा मंत्री नहीं है। यदि आप कश्मीर से कन्याकुमारी तक और अरूणाचल प्रदेश से गुजरात तक देखेंगे तो देश में जंगलराज कायम है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ समय में लगातार ”भारतीय जंगलराज पार्टी” के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समर्थक लगातार देश और देश की संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं और वे कानून के शासन के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं।ीभाषा
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