मुनीर की डिप्लोमेसी हुई ध्वस्त - Punjab Kesari

मुनीर की डिप्लोमेसी हुई ध्वस्त

पिछले हफ्ते भारत में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत ने पाकिस्तान और चीन की साजिश को नाकाम करते हुए संगठन के संयुक्त वक्तव्य को जारी नहीं होने दिया था। जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उस संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था, जिसमें पहलगाम हमले का उल्लेख तक नहीं था, बल्कि पाकिस्तान में हुए बलूचिस्तान हमले का जिक्र था। इस घटना के एक सप्ताह बाद अमेरिका में क्वाड देशों अमेरिका, आस्ट्रेलिया, भारत आैर जापान के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इसमें सभी देशों ने एक स्वर से पहलगाम पर हुए आतंकी हमले की निंदा की। अमेरिका की धरती से जारी हुए बयान ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी। पाकिस्तान भारत की ताकत को समझने की भूल कर लगातार आतंकवादी साजिशें रच देता है। उसने बालकोट एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक से कोई सबक नहीं सीखा। इस बार उसने पहलगाम में हमला करवाकर खुद अपने पांव में कुल्हाड़ी मार ली।
भारत ने इस हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर से ले लिया। ऑपरेशन सिंदूर से डरे बैठे पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर तो अमेरिका की गोद में जाकर बैठक गया और डोनाल्ड ट्रम्प के घर लंच डिप्लोमेसी भी कर आए। मगर अब विदेश मंत्री एस. जयंकर ने एक ही झटके में मुनीर की डिप्लोमेसी को ध्वस्त कर दिया। यद्यपि क्वाड के संयुक्त वक्तव्य में पाकिस्तान का नाम नहीं दिया गया लेकिन वक्तव्य का पाकिस्तान के लिए कड़ा और स्पष्ट संदेश है। क्वाड ने पहलगाम हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की हुंकार भरी। आसिम मुनीर को लगा था कि अमेरिका उनका माईबाप हो गया है और वह भारत का साथ नहीं देगा। मगर जयशंकर की मौजूदगी ने उसका सारा गेम पलट दिया। जहां तक वक्तव्य में पाकिस्तान का नाम नहीं लिए जाने का सवाल है, उसके पीछे अमेरिका की दोरंगी चालें हैं।
2018 में अपने पहले कार्यकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने खास अंदाज में रावलपिंडी और इस्लामाबाद द्वारा वाशिंगटन का फायदा उठाने की भावना को स्पष्ट किया था, “अमेरिका ने पिछले 15 वर्षों में पाकिस्तान को मूर्खतापूर्ण तरीके से 33 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता दी है और उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख समझते हुए हमें झूठ और धोखे के अलावा कुछ नहीं दिया है… वे आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देते हैं।’’ कुछ दिन पहले उन्होंने कहा-“मैं पाकिस्तान से प्यार करता हूं।’’ ट्रम्प और जनरल अासिम मुनीर के बीच व्हाइट हाउस में अभूतपूर्व लंच मीटिंग को पहली बार पाकिस्तान में राष्ट्राध्यक्ष न होने वाले किसी सैन्य नेता को यह सम्मान दिया गया है- एक बड़े यू-टर्न के रूप में देखना सरल होगा। वास्तव में, पिछले तीन दशकों में भारत-अमेरिका संबंध आर्थिक और सामरिक हितों और साझा मूल्यों के अभिसरण के आधार पर लगातार गहरे हो रहे हैं, भले ही अमेरिका-पाकिस्तान संबंध अधिक अस्थिर हो गए हों। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में वर्तमान क्षण परिवर्तनशील है और दिल्ली को सावधानी से चलना चाहिए।
क्वाड समूह ने पाकिस्तान के साथ-साथ पूर्वी चीन सागर और दक्षिणी चीन सागर में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप को लेकर उसे सख्त चेतावनी दी है। समंदर में किसी भी एक तरफा कोशिश का विरोध किया गया है जो बल प्रयोग या दबाव डालकर यथास्थिति को बदलने की कोशिश करती है। चीन का मुकाबला करने के लिए क्वाड समूह ने खनिज आपूर्ति को सुरक्षित बनाने की पहल शुरू करने की घोषणा की है।
क्वाड के लक्ष्य की बात करें तो इसका मुख्य उद्देश्य इंडो पैसिफिक क्षेत्र में एक-दूसरे के हितों की रक्षा करना है। इंडो पैसिफिक क्षेत्र में जिस तरह से चीन लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है उसे देखते हुए ही इस फोरम का गठन किया गया है। दक्षिण चीन सागर पर जिस तरह से चीन दावा करता है और इसे अपना क्षेत्र बताता है उसको लेकर काफी लंबे समय से विवाद चल रहा है लेकिन इस क्षेत्र में दूसरे देश फिलिपींस, मलेशिया जैसे देशों का कहना है कि हमारी भी सीमा साउथ चाइना सी से मिलती है, लिहाजा हमारा भी इस पर अधिकार है। इसी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत का सामना करना भी इस फोरम के अहम लक्ष्यों में से एक है। चीन इस बात को लेकर भी चिंतित है कि भारत इस फोरम में अन्य देशों को शामिल करके इसकी ताकत बढ़ा सकता है और यह चीन के लिए चुनौती साबित हो सकता है।
भारत काे पहलगाम हमले के बाद दुनिया भर से कूटनीतिक समर्थन मिल रहा है। आॅपरेशन सिंदूर के साथ ही दिल्ली ने इस्लामाबाद और दुनिया दोनों को स्पष्ट कर दिया है कि वह छद्म युद्ध को भेद देगा और पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। भारत ने अमेरिका को भी यह स्पष्ट बता ​दिया है कि वह भारत को पाकिस्तान के मामले में नियंत्रित नहीं कर सकता। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका में खड़े होकर ट्रम्प के दावों को खुलेआम झूठा करार दिया है। इससे पाकिस्तान को अहसास हाे गया होगा कि भारत की दुनिया में क्या ताकत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

14 + 8 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।