Elvish Yadav Arrest: क्या है Rave Party जिसके कारण Elvish Yadav को हुई जेल, कब शुरू हुआ इसका कल्चर?

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क्या है Rave Party जिसके कारण Elvish Yadav को हुई जेल, कब शुरू हुआ इसका कल्चर?

Elvish Yadav Arrest

Elvish Yadav Arrest: रेव पार्टियों की दीवानगी अब भारत के कई शहरों के युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले चुकी है। जिसका चस्का हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसमें दुनिया भर के अमीर और रईज लोग शामिल होते हैं। लेकिन क्या है रेव पार्टी और भारत में इसने कैसे पैर पसारे हैं।

Highlights

  • पुलिस की गिरफ्त में Elvish Yadav
  • एलविश को लगा सांपों का श्राप
  • Rave Party में कर रहे थे सांपों के जहर की स्मगलिंग
  • क्या होती है Rave Party

सांपों के जहर की स्मगलिंग में फसे Elvish

रेव पार्टी में सांपों के जहर वाले ड्रग्स को लेकर फेमस यूट्यूबर एल्विश यादव जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव को रविवार के दिन गिरफ्तार किया और अब वह 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में नोएडा के लुक्सर जेल में बंद हैं। एल्विश यादव उसी रेव पार्टी की वजह से जेल में गए हैं, जिसका खुलासा पिछले साल नोएडा पुलिस ने नवंबर महीने में किया था। इस रेव पार्टी में न केवल सांपों के जहर वाले ड्रग्स के इस्तेमाल किए गए थे, बल्कि बड़ी संख्या में जहरीले सांप भी बरामद हुए थे।

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बता दें कि 17 फरवरी को एल्विश यादव ने नोएडा पुलिस पर तंज कसा था। जयपुर से आई FSL रिपोर्ट में पुष्टि हुई थी कि, जो सेंपल्स भेजे गए थे, उनमें कोबरा के करैट प्रजाति वाले सांपों का जहर था। इसके अध्ययन के लिए छह सदस्यीय टीम बनाई गई। सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर एल्विश ने कहा था कि पुलिस ने सड़क से सपेरों को पकड़ा और उन पर रेव पार्टी में शामिल होने का आरोप लगा दिया। इसके अलावा साल 2021 में इस तरह की रेव पार्टी से ही शाहरुख खान के बेटे आर्यन को भी पकड़ा गया था. हालांकि बाद में उन्हें निर्दोष पाया गया। इस तरह वक्त-वक्त पर इन पार्टियों में बड़े नामों के शामिल होने से इनकी चर्चाएं तेज हो जाती हैं। वक्त के साथ इनका प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है, जो बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। बरहाल Elvish Yadav यादव तो अब जेल जा टुके हैं। लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर होगा कि आखिर रेव पार्टी क्या होती है और भारत में इसकी शुरुआत कब हुई थी।

कब शुरू हुआ Rave Party का कल्चर?

इस तरह की पार्टियों का चलन सन् 1980 के दशक में ग्रेट ब्रिटेन में शुरू हुआ था, जो धीरे-धीरे इतना बढ़ता गया कि लंदन की रेव पार्टियों ने अधिकांश डांस क्लबों को पीछे छोड़ दिया। इसके बाद डांस क्लबों से निकलकर ये रेव पार्टियां शहर के बाहरी इलाकों खुले मैदानों में आयोजित की जाने लगीं। जिसमें हजारों लोग शामिल होने लगे। इसके बाद धीरे-धीरे इन रेव पार्टियों का क्रेज बड़े अमेरिकी शहरों में भी देखा जाने लगा। हालांकि अब तक रेव पार्टियां सिर्फ म्यूजिक और डांस तक सीमित थीं, लेकिन धीरे-धीरे इन रेव पार्टियों में कई नए अमेरिकी रेव प्रमोटर जुड़ गए, जिनमें से कई कैरियर अपराधी थे, जिन्होंने इस तरह की पार्टियों को कमाई के नजरिए से देखना शुरू कर दिया।

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रेव पार्टियां कैसे बन गईं नशे का कारोबार?

धीरे-धीरे इन रेव पार्टियों में बढ़ते युवाओं की संख्या को देखते हुए ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों की सप्लाई की जाने लगी और धीरे-धीरे ये रेव पार्टियां नशे के कारोबार का ट्रेंड मार्क बन गईं। साथ ही इनके बदनाम होने की वजह भी यही है। रेव पार्टियों की बढ़ती दीवानगी ने इन्हें अन्य देशों में भी प्रचलित कर दिया, जिसके बाद दुनियाभर के कई देशों में इस तरह की पार्टियां गुप्त रूप से आयोजित की जाने लगीं।

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भारत में कैसे शुरू हुआ रेव पार्टियों का चलन?

बाकी देशों की तरह ये प्रचलन धीरे-धीरे भारत में भी फेल गया, हालांकि इसका मुख्य केंद्र गोवा माना जाता है। जहां विदेशी पर्यटकों ने समुद्र के तट को रेव पार्टियों के लिए काफी उपयुक्त जगह पाया। जहां खुले मैदान में इन पार्टियों को आयोजित किया जाने लगा।

बेहद तेज म्यूजिक के शोर और इन पार्टियों में आसानी से उपलब्ध होने वाले नशे के चलते रईस परिवारों के अधिकतर युवाओं को रेव पार्टियों ने अपनी जकड़ में ले लिया था। इसके बाद मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर जैसे बड़े शहरों में भी इन पार्टियों का चलन बढ़ता गया, जो अब देश के छोटे शहरों को भी अपनी गिरफ्त में ले रहा है। हालांकि भारत में इस तरह की रेव पार्टियां बैन हैं, जहां अवैध तरीके के नशे कराए जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति इस तरह की पार्टी में जाता है या इसे ऑर्गेनाइज कराता है तो पकड़े जाने पर सजा का भी प्रावधान है। यही वजह है कि देश के अलग-अलग इलाकों में इस तरह की पार्टियों पर नारकोटिक्स विभाग की अक्सर छापेमारी देखी जाती है।

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अब कैसी होती हैं रेव पार्टियां?

अब रेव पार्टियां छुपकर आयोजित की जाती हैं, जिनमें ड्रग्स, शराब, म्यूजिक, डांस आयोजित किया जाता है। इस तरह की पार्टियों में सिर्फ पार्टी सर्किट से जुड़े हुए कुछ चुनिंदा लोग शामिल हो सकते हैं। नए लोगों को इन पार्टियों में आने की अनुमति नहीं दी जाती, ताकि इसकी जानकारी वे बाहर न आने दें। वहीं रेव पार्टियां ड्रग लेने वालों और बेचने वालों के लिए एक सुरक्षित जगह होती है।

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इस तरह की रेव पार्टियों में लोग सिर्फ आम पार्टियों की तरह नाचते, गाते और फूड एन्जॉय नहीं करते बल्कि, लोग इन पार्टियों में जमकर नशा करते हैं। ये नशा ड्रग्स से लेकर चरस, अफीम और स्नेक बाइट तक का होता है। इन पार्टियों में ऐसा माहौल बनाया जाता है कि लोग लंबे समय तक नशे में झूमते रहते हैं।

छोटे शहरों में भी पहुंचा जाल

रेव पार्टियों के जाल से छोटे शहर भी पहुच गया है। पिछले साल यानी 2022 में पुलिस ने एक रेव पार्टी पर छापेमारी कर नशे की हालत में 50 से ज्यादा युवक-युवतियों को पकड़ा था। इस पार्टी में भोपाल के नामचीन परिवारों के बच्चे भी शामिल था। वहीं 2016 में भी पुलिस ने इस तरह की छापेमारी कर एक रेव पार्टी का भंडाफोड़ किया था।  इसके अलावा 2016 में पटना में एक रेव पार्टी पर छापेमारी कर पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी नशे की हालत में मिले थे।

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इसी तरह लगातार कई छोटे शहरों में भी अक्सर पुलिस द्वारा छापेमारी कर रेव पार्टियों का खुलासा किया जाता है।

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