अजय चौटाला ने कहा, मेरे जेल जाने के बाद मेरे लाड़ले बिल्लू (अभय सिंह चौटाला) ने अपने भतीजों दुष्यंत और दिग्विजय का ध्यान रखा। लेकिन उसने 40 साल से मेरे साथ इनेलो को मजबूत बनाकर रखने वाले कार्यकर्ताओं का ध्यान रखने में कहीं न कहीं कोई कोताही की।
अजय ने कहा, बिल्लू ने बहुजन समाज पार्टी ( बसपा) से समझौता करके इनेलो को 2019 में सत्ता के नजदीक ला दिया, लेकिन जब पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होने लगी तो दुष्यंत-दिग्विजय ने इसका विरोध किया। ऐसे में बिल्लू ने उन्हें (दुष्यंत व दिग्विजय को) अकेला समझा, इसलिए पार्टी के अंदर के कुछ नेताओं ने बिल्लू से मिलकर दुष्यंत-दिग्विजय को निकलवा दिया।
अजय चौटाला ने कहा 5 नवंबर को मेरे मुंह से जो कड़े शब्द निकले, उसका कारण भी यह है कि मुझसे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं होती। जनभावनाएं ऐसी थीं कि मुझे ऐसे शब्द कहने पड़े।