पीएम मोदी: बेटियों के जीवन की सुरक्षा के लिए स्थानीय अनुसधान में निवेश करना प्रथमिकता - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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पीएम मोदी: बेटियों के जीवन की सुरक्षा के लिए स्थानीय अनुसधान में निवेश करना प्रथमिकता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार न्यूनतम लागत पर टीके विकसित करने के लिए गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को लेकर स्थानीय अनुसंधान के लिए वैज्ञानिकों को धन आवंटित करना चाहती है ताकि टीकाकरण के जरिये इस गंभीर बीमारी से सभी लड़कियों का बचाव सुनिश्चित किया जा सके मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ बातचीत के दौरान कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अगर सत्ता में वापस आता है तो उनकी प्राथमिकता भारत की बेटियों के जीवन की सुरक्षा के लिए इस अनुसंधान में निवेश करने की होगी।

  • दीपक जलाने के लिए स्पष्ट आह्वान किया
  • लोकतंत्र में बल का कोई स्थान नहीं
  • दो लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य केंद्र बनाए

मेरा लक्ष्य देश में सभी लड़कियों का कम से कम लागत पर टीकाकरण

उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में, मैं लड़कियों को चपेट में लेने वाले सर्वाइकल कैंसर अनुसंधान के लिए हमारे वैज्ञानिकों को धन आवंटित करना चाहती हूं। मैं उन्हें बजट देना चाहता हूं और उन्हें टीके बनाने के लिए स्थानीय अनुसंधान करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं। मेरा लक्ष्य देश में सभी लड़कियों का कम से कम लागत पर टीकाकरण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे कैंसर से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन दिनों इस दिशा में काम कर रहा हूं। जब मेरी नई सरकार बनेगी तो मेरी प्राथमिकता भारत की बेटियों के जीवन की रक्षा के लिए इस अनुसंधान में महत्वपूर्ण रूप से निवेश करने की होगी।

भारत में लोगों ने टीकों का कोई विरोध नहीं

भारत का कोविड टीकाकरण अभियान कैसे सफल हो गया और कैसे उन्होंने इस परिस्थिति में देश का नेतृत्व किया, इस बारे में मोदी ने विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए जरूरत के कदम उठाए और उन्हें आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि यही वजह थी कि भारत में लोगों ने टीकों का कोई विरोध नहीं किया, जबकि कई देशों में टीकाकरण का डर और यहां तक कि उनके बारे में अफवाहें भी एक समस्या बन गईं।

दीपक जलाने के लिए स्पष्ट आह्वान किया

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस बात पर जोर दिया कि वायरस के खिलाफ लड़ाई में सभी शामिल हैं और यह वायरस बनाम सरकार नहीं है। मैंने शुरू से इसे जीवन बनाम वायरस की लड़ाई के रूप में देखा। दूसरा, उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने पहले दिन से देश के साथ खुलकर संवाद करना शुरू किया और एक उदाहरण स्थापित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया। मोदी ने कहा, ‘‘मैंने लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए सार्वजनिक रूप से सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया। मैंने कुछ उपहास के बावजूद ताली, थाली, दीपक जलाने के लिए स्पष्ट आह्वान किया। इस लड़ाई में सभी को एकजुट करना मेरे लिए महत्वपूर्ण था। एक बार जब खुद को और दूसरों को बचाने का इरादा तय किया गया तो यह एक जन आंदोलन में बदल गया।

लोकतंत्र में बल का कोई स्थान नहीं

PM MODI 32

उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित हुआ कि नागरिकों ने पूछताछ किए बिना उनके अनुरोधों का पालन किया। उदाहरण के लिए, उन्होंने कहा कि जब उन्होंने मास्क पहनने की सलाह दी तो लोगों ने इसका अनुसरण किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह जन आंदोलन में तब्दील हो गया। क्योंकि लोकतंत्र में बल का कोई स्थान नहीं है। लोकतंत्र में लोगों को समझाने, शिक्षित करने और साथ लेकर चलने की जरूरत है। लोकतंत्र में शिक्षा और सहयोग प्रगति को आगे बढ़ाता है। मोदी ने कहा कि इस रणनीति ने टीकाकरण अभियान की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

महामारी के कारण टीकाकरण की आवश्यकता पड़ी

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने और मेरी 95 वर्षीय मां ने सार्वजनिक रूप से टीके लगवाए। ऐसा कर हमने लोगों का विश्वास हासिल किया। मैंने उदाहरण पेश किया और लोगों का विश्वास हासिल किया कि इससे (टीके से) उनकी जान बच सकती है। उन्होंने 1930 के आसपास फैली महामारी का एक किस्सा सुनाया, जब सरदार वल्लभभाई पटेल अहमदाबाद नगर निगम के महापौर थे। उन्होंने बताया कि इस महामारी के कारण टीकाकरण की आवश्यकता पड़ी थी पर लोगों ने धार्मिक कारणों का हवाला देते हुए टीका लगवाने से इनकार कर दिया था।

दो लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य केंद्र बनाए

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल दृढ़ थे और लोगों की जान बचाने के लिए टीकाकरण को अनिवार्य कर दिया था। मोदी ने कहा कि टीकों का प्रतिरोध सदियों से दुनिया भर में एक चुनौती रहा है और चर्चा के माध्यम से हमें इससे उबरने में मदद मिल सकती है। प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर स्वास्थ्य को उन तीन क्षेत्रों में शामिल करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने गांवों में दो लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वास्थ्य केंद्र बनाए हैं जो आधुनिक तकनीक के माध्यम से सीधे सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों से जुड़े हैं।

लोगों का विश्वास बढ़ रहा

उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभ में, रोगियों ने सोचा कि डॉक्टर के बिना व शारीरिक रूप से उनकी जांच किए बगैर उनका सही निदान कैसे किया जा सकता है। लेकिन बाद में उन्हें समझ में आया कि सही तकनीकी उपकरणों से सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठा डॉक्टर भी सही तरीके से निदान कर सही सलाह दे सकता है। इसलिए लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से बड़े अस्पतालों में होता है, आयुष्मान आरोग्य मंदिर में चीजें हो रही हैं। तो यह डिजिटल प्लेटफॉर्म की ताकत है।

डिजिटल प्रौद्योगिकी ने हमारे देश को काफी लाभान्वित किया

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे कोविड के दौरान, जब दुनिया वैक्सीन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए संघर्ष कर रही थी, भारत में लोग आसानी से को-विन ऐप का उपयोग करके यह पता लगा रहे थे कि उन्हें वैक्सीन प्राप्त करने के लिए कितनी दूर यात्रा करने की आवश्यकता है। मोदी ने कहा कि इसी माध्यम से उन्हें एक उपयुक्त समय स्लॉट मिल जाता था और सेकेंड के भीतर अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे अनुभव में, डिजिटल प्रौद्योगिकी ने हमारे देश को काफी लाभान्वित किया है।

 

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