राष्ट्रपति मुर्मू ने PM को लिखा पत्र , 11 दिन के अनुष्ठान के लिए Modi को सराहा और प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बताया सौभाग्य - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

राष्ट्रपति मुर्मू ने PM को लिखा पत्र , 11 दिन के अनुष्ठान के लिए Modi को सराहा और प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बताया सौभाग्य

अयोध्या में 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनके 11 दिन के विशेष अनुष्ठान और तपश्चर्या की सराहना करते हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सबके लिए सौभाग्य का प्रतीक बताया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने PM मोदी को लिखा पत्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्हें अयोध्या धाम की यात्रा के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा, अयोध्या धाम में नए मंदिर में प्रभु श्रीराम की जन्म-स्थली पर स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप विधिवत तपश्चर्या कर रहे हैं। इस अवसर पर, मेरा ध्यान इस महत्वपूर्ण तथ्य पर है कि उस पावन परिसर में, आपके द्वारा सम्पन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अ‌द्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा होगा। आपके द्वारा किया गया 11 दिवसीय कठिन अनुष्ठान, पवित्र धार्मिक पद्धतियों का अनुसरण मात्र नहीं है, बल्कि त्याग की भावना से प्रेरित सर्वोच्च आध्यात्मिक कृत्य है तथा प्रभु श्रीराम के प्रति सम्पूर्ण समर्पण का आदर्श है। आपकी अयोध्या धाम की यात्रा के इस पावन अवसर पर मैं आपको अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं।
राष्ट्रपति ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सबके लिए सौभाग्य का प्रतीक बताया
प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सबके लिए सौभाग्य का प्रतीक बताते हुए राष्ट्रपति ने अपने पत्र में आगे कहा कि अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के उद्घाटन से जुड़े देशव्यापी उत्सवों के वातावरण में, भारत की चिरंतन आत्मा की उन्मुक्त अभिव्यक्ति दिखाई देती है। यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम सब अपने राष्ट्र के पुनरुत्थान के एक नए काल-चक्र के शुभारम्भ के साक्षी बन रहे हैं। प्रभु श्रीराम द्वारा साहस, करुणा और अटूट कर्तव्यनिष्ठा जैसे जिन सार्वभौमिक मूल्यों की प्रतिष्ठा की गई थी। उन्हें इस भव्य मंदिर के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा।
प्रभु श्रीराम हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के सर्वोत्तम आयामों के प्रतीक – राष्ट्रपति
भगवान राम को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के सर्वोत्तम आयामों का प्रतीक बताते हुए राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘प्रभु श्रीराम हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के सर्वोत्तम आयामों के प्रतीक हैं। वे बुराई के विरुद्ध निरंतर युद्धरत अच्छाई का आदर्श प्रस्तुत करते हैं। हमारे राष्ट्रीय इतिहास के अनेक अध्याय, प्रभु श्रीराम के जीवन-चरित और सिद्धांतों से प्रभावित रहे हैं तथा राम-कथा के आदर्शों से राष्ट्र-निर्माताओं को प्रेरणा मिली है। गांधीजी ने बचपन से ही रामनाम का आश्रय लिया और उनकी अंतिम सांस तक रामनाम उनकी जिह्वा पर रहा। गांधी जी ने कहा था ‘यद्यपि मेरी बु‌द्धि और हृदय ने बहुत पहले ही ईश्‍वर के सर्वोच्च गुण और नाम को सत्य के रूप में अनुभव कर लिया था, मैं सत्य को राम के नाम से ही पहचानता हूं। मेरी अग्नि परीक्षा के सबसे कठिन दौर में राम का नाम ही मेरा रक्षक रहा है और अब भी वह नाम ही मेरी रक्षा कर रहा है’।’
राष्ट्रपति ने मोदी सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों की प्रशंसा की
मोदी सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में आगे कहा, ‘लोगों की सामाजिक पृष्ठभूमि से प्रभावित हुए बिना, भेद-भाव से मुक्त रहकर, हर किसी के साथ, प्रेम और सम्मान का व्यवहार करने के प्रभु श्रीराम के आदर्शों का हमारे पथ- प्रदर्शक विचारकों की बौ‌द्धिक चेतना पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। न्याय और जन-कल्याण पर केन्द्रित प्रभु श्रीराम की रीति का प्रभाव, हमारे देश के शासन संबंधी वर्तमान दृष्टिकोण पर भी दिखाई देता है। इसका उदाहरण, हाल ही में, आपके द्वारा, अति पिछड़े जन-जातीय समुदायों के कल्याण के लिए ‘पीएम-जनमन’ पहल के तहत, अनेक लाभकारी सहायताओं की पहली किस्त जारी करने में स्पष्ट दिखाई दिया। आपके द्वारा अपने सम्बोधन में माता शबरी का उल्लेख करने से एक हृदयस्पर्शी अनुभूति हुई। निश्चय ही, प्रभु श्रीराम के मंदिर के साथ-साथ, जन-कल्याण कार्यों को देखकर माता शबरी को दोहरा संतोष प्राप्त होगा। प्रभु श्रीराम, हमारी भारत-भूमि के सर्वोत्तम आयामों का प्रतीक हैं। वस्तुतः वे पूरी मानवता के सर्वोत्कृष्ट पक्षों के प्रतीक हैं। मेरी प्रार्थना है कि प्रभु श्रीराम विश्‍व-समुदाय को सही मार्ग पर ले जाएं; वे सभी के जीवन में सुख और शांति का संचार करें। सियावर रामचंद्र की जय!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 + 7 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।