अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी देश की सभी क्षेत्रीय पार्टियों में सबसे अमीर पार्टी साबित हुई है। 2012 से 2017 तक सत्तारूढ़ रही समाजवादी पार्टी की संपत्ति में पांच वर्षों के दौरान 200 फीसद का इजाफा हुआ है। आपको बता दे कि समाजवादी पार्टी, एआईएडीएमके, ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। इन दलों ने अपने वार्षिक घोषित संपत्ति में इस वृद्धि को दिखाया है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की संपत्ति वित्तीय वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 के बीच 198 प्रतिशत बढ़ गई।
एडीआर के मुताबिक, साल 2011-12 से 2015-16 के बीच सपा द्वारा चुनाव आयोग और आयकर विभाग को दी गई सूचनाओं के मुताबिक उसकी संपत्ति 2011-12 में 212.86 करोड़ रुपए थी, जो 2015-16 में बढ़कर 634.96 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। कहने और समझने का अर्थ सिर्फ इतना सा है कि जब उत्तर प्रदेश की सत्ता की कमान अखिलेश यादव के हाथों में थी, उस दौरान सपा की संपत्ति में लगभग तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई।
वही दूसरी ओर अगर एआईएडीएमके, शिवसेना और आईएफबी की संपत्ति पर नजर डाली जाए तो साल 2011-12 में एआईएडीएमके की कुल संपत्ति 88.21 करोड़ थी, जो 2015-16 में बढ़कर 224.87 करोड़ हो गई। यानि इन पांच सालों में एआईएडीएमके की संपत्ति में करीब 155 फीसदी का इजाफा हुआ है। बता दे कि एआईएडीएमके तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी है।
अब अगर शिवसेना की संपत्ति पर एक नजर दौड़ाई जाए, तो पांच सालों में शिवसेना की संपत्ति 92 फीसदी बढ़ी है। 2011-12 में 20.59 करोड़ की संपत्ति बढ़कर 2015-16 में 39.68 करोड़ हो गई। वहीं आम आदमी पार्टी नवंबर 2012 में रजिस्टर्ड हुई थी, जिसकी 2012-13 में औसत संपत्ति 1.165 करोड़ रुपए थी, जो 2015-16 में बढ़कर 3.765 करोड़ हो गई।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।