सुप्रीम कोर्ट गुजरात कांग्रेस की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। गुजरात कांग्रेस ने राज्य सभा चुनाव के दौरान नोटा का विकल्प दिए जाने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कांग्रेस चुनाव आयोग की ओर से गुजरात राज्य सभा चुनाव में नोटा का विकल्प दिए जाने को लेकर जारी नोटिफिकेशन का विरोध कर रही है।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की ओर से इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखे जाने पर और इस पर जल्द सुनवाई की मांग किए जाने पर न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई। सिब्बल ने शीर्ष न्यायालय से कहा कि संविधान में नोटा के संबंध में कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा EVM में नोटा के विकल्प को अनिवार्य बनाने के बाद राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल के निर्देशों को जनवरी 2014 में लागू किया गया था।
कल कांग्रेस ने आगामी राज्यसभा चुनाव में नोटा के विकल्प के इस्तेमाल के खिलाफ चुनाव आयोग से संपर्क किया था और दावा किया था कि यह संविधान एवं चुनावी नियमों का उल्लंघन है।
लेकिन चुनाव आयोग ने कहा है कि यह कोई नया निर्देश नहीं है। यह वर्ष 2014 में लाया गया था। 8 अगस्त को राज्यसभा की 3 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 4 उम्मीदवार मैदान में हैं।