जम्मू : जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का गठबंधन टूटने के एक महीने बाद राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को यहां कहा कि उन्होंने कभी भी जम्मू तथा कश्मीर में भेदभाव नहीं किया। सुश्री महबूबा पीडीपी के 19वें स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने, ‘मैंने गठबंधन के एजेंडे के लिए दो मोर्चों पर लड़ई लड़, एक कश्मीर तथा दूसरा नयी दिल्ली। मैंने कभी भी किसी क्षेत्र से भेदभाव नहीं किया। कभी भी कश्मीर तथा जम्मू में अंतर नहीं किया। मैंने बराबर कॉलेज खोले, पुलिस भर्तियों में बराबर प्रतिनिधित्व दिया और बिना भ्रष्टाचार के 71,000 युवकों को नौकरियों में नियमित किया।
उन्होंने कहा कि पीडीपी ने सभी क्षेत्रों में बराबर विकास करके उनके साथ न्याय किया है। उन्होंने कहा, ‘कानून-व्यवस्था की स्थिति बगड़ने के बावजूद मैंने लोगों को कुछ राहत देने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाज्ञवश कश्मीर की स्थिति लगातार बिगड़ती गई। ‘ सुश्री महबूबा ने कहा, ‘मैं उन्हें बताना चाहती हूं…‘आप किन डोगरा लोगों की बात करते हो।’ उन्होंने कहा कि रासना मामले के आरोपियों का साथ देकर कुछ राजनीति लोगों ने इस मामले को साम्प्रदायिक रंग देने और हिंदू-मुसलमानों के बीच कायम सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश की थी।’ उन्होंने कहा, ‘दुष्कर्मी का कोई धर्म नहीं होता है। वह सिर्फ दुष्कर्मी होता है।’ उन्होंने कहा कि जब तक वह मुख्यमंत्री रहीं तब तक किसी मुद्दे पर अपने उसूलों के साथ समझौता नहीं किया।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 को नहीं हटाया जा सकता है क्योंकि यह केंद, सरकार तथा राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करता है। उन्होंने कहा, ‘अगर कोई धारा 370/35-ए को हटाने की कोशिश करेगा तो वह नष्ट हो जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा के साथ गठबंध करना जहर पीने से कम नहीं था।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कश्मीर के लोगों के गुस्से और घृणा का इस वजह से सामना किया क्योंकि वह जम्मू कश्मीर को मुश्किलों से बाहर निकालना चाहती थी। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने एजेंडे को जारी रखूंगी, इसके लिए अकेले लड़ हूं और अपनी लड़ई जारी रखूंगी।’ उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले महीने पीडीपी पर जम्मू कश्मीर के लोगों की समस्या को कम करने में विफल रहने तथा जम्मू क्षेत्र से भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।