श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सत्ता से बेदखम होने बाद अब बागी विधायक पीडीपी के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। पीडीपी के चार विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बयान दिया है। PDP विधायक अब्दुल मजीद पड्डार का कहना है कि वह पार्टी से खुश नहीं हैं और अन्य विधायकों को भी सरकार बनाने की कोशिशें तलाशनी चाहिए। उनसे पहले इमरान अंसार, आबिद अंसारी, अब्बास अहमद भी पार्टी से नाराजगी की बात कर चुके हैं। दरअसल, इस सुगबुगाहट के पीछे राज्य के प्रभारी राम माधव द्वारा 27 जून को किया गया एक ट्वीट है।
इस ट्वीट के जरिए पोस्ट की गई तस्वीर में राम माधव श्रीनगर में पिछली सरकार में मंत्री रहे सज्जाद लोन के साथ राज्य के रोडमैप पर चर्चा करते दिख रहे हैं। राज्य में अभी अमरनाथ यात्रा चल रही है। इस बार भी यात्रा पर आतंकी साया मंडरा रहा है। कोई भी नहीं चाहता कि इस यात्रा में किसी भी तरीके का खलल पड़े। ऐसे में माना जा रहा कि बीजेपी अभी सरकार बनाने के लिए हर संभावना पर मंथन कर रही है और अमरनाथ यात्रा संपन्न होने के बाद इसे अमलीजामा पहनाने की कोशिश करेगी। सज्जाद लोन के साथ राम माधव की बैठक को इसी कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
With J&K former ministers of BJP n PC (Sajjad Lone) in Srinagar discussing about the roadmap for the state pic.twitter.com/2bvfvqiGol
— Ram Madhav (@rammadhav_) June 27, 2018
‘ब्रेकअप’ के बाद ढाई साल का कार्यकाल बाकी यहीं से राज्य में नई सरकार के गठन की चर्चाओं को बल मिलता दिख रहा है। दरअसल पीडीपी-बीजेपी के ‘ब्रेकअप’ के बाद सरकार के ढाई साल का कार्यकाल बचा हुआ है। इतने लंबे वक्त तक कोई भी सियासी दल सरकार के गठन की संभावना होने के बावजूद सत्ता से दूर रहना नहीं चाहता। लोन ने 2009 में बारामुला से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन इसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद 2014 में हंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव जीतने वाले लोन को केंद्र के इशारे पर मंत्री पद दिया गया। इसके बाद से लोन मोदी के मुरीद हो गए।
लोन 2014 में प्रचार के दौरान कश्मीर को मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार से मुक्ति दिलाते हुए नई राजनीति की पैरोकारी कर रहे थे। लोन कश्मीर में नई लीडरशिप चाहते थे। यहां तक कि पीएम मोदी भी प्रचार के दौरान कई बार कश्मीर जनता से बाप-बेटे और बाप-बेटी की सरकार का एकाधिकार खत्म करने की अपील कर चुके हैं। लेकिन चुनाव बाद किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर बीजेपी ने पीडीपी से दोस्ती करते हुए सरकार बनाई, जिसकी काफी आलोचना हुई।
पीडीपी के 14 विधायक नाराज
जडीबल विधानसभा क्षेत्र के विधायक आबिद रजा अंसारी ने कहा कि पीडीपी में मैं अकेला ही असंतुष्ट या नाराज नहीं हूं। मेरे अलावा 14 और विधायक भी नाराज हैं, जो किसी भी समय संगठन छोड़ अलग मोर्चा बना सकते हैं। नईम अख्तर, पीरजादा मंसूर हुसैन, सरताज मदनी और वहीद उर रहमान पारा ने हमारे नेता स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा अपने खून से बनाई गई पार्टी को पूरी तरह मटियामेट कर दिया है।