शहीद सुनील महतो की मां खांदो देवी के साथ पांच सदस्सीय प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल द्रोपदी मूर्मू से मिलकर शहीद निर्मल महतो एवं शहीद सुनील महतो के हत्याकांड की जांच एन.आई.ए. से कराने की बात रखी। राज्यपाल ने उनकी बातों को गंभीरता से सुनी और संबंधित मामले से सरकार को अवगत कराने की बातें कही। प्रतिनिधिमंडल में मां खांदो देवी के साथ परिवार के सदस्य झिंगी हेंब्रम, श्रीमती कंचन देवी, सचिन महतो, बादल महतो शामिल थे। इससे पहले विगत 14 नवंबर से आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव व शहीद सुनील महतो के छोटे भाई सुसेन महतो के साथ पार्टी के केंद्रीय सचिव अनिल महतो राजभवन के समक्ष अमरण अनशन पर थे।
धरने पर शहीद सुनील महतो की मां खांदो देवी, बहन श्रीमती कंचन देवी भी उनके साथ बैठीं थीं। 15 नवंबर को खांदो देवी द्वारा पत्र लिखकर राज्यपाल से इस मामले में संज्ञान लेने तथा व्यक्तिगत रूप से उनकी बातों को सुनने का अनुरोध किया गया था। खांदो देवी ने राज्यपाल को प. बंगाल में सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके कुख्यात नक्सली रंजीत पाल उर्फ राहुल के कथित आत्मसमर्पण पर ध्यान आकृष्ट कराया।
उन्होंने राज्यपाल को बताया कि आज से लगभग 10 वर्ष पूर्व दिनांक 4 मार्च 2007, होली के दिन मेरे पुत्र जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र के तत्कालीन सांसद स्व. सुनील महतो के हत्या समेत सिर्फ पूर्वी सिंहभूम में 17 से ज्यादा नक्सली कांडो का वह आरोपी है। ऐसे नक्सली जिसके कारण कितनों की जिंदगी गर्त में चली गयी, कितनो के मांग के सिंदूर उजड़ गए, जिसकी आत्मसमर्पण के बाद झारखंड सरकार और न ही सी.बी.आई के द्वारा विशुद्ध रूप में राजनीतिक हत्या के सुत्रधार तक पहुंचने के लिए अभी तक कोई पुछताछ की गई है।
इस अवसर पर बनमाली मंडल, छवी महतो, अनिल महतो, ललित ओझा, हरिश कुमार, गौतम सिंह, नितीश सिंह, नित्यानंद महतो, लोबिन महतो, संतोष महतो, प्रभा देवी, मेरी तिर्की, जगदीश महतो, सुशील कुमार महतो, योगेन्द्र महतो, कृष्णकांत महतो सहित सैकडों लोग उपस्थित थे।