पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक द्वारा राष्ट्रीय राजधानी आने में असमर्थता जताने के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर शुक्रवार को उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक की। अधिकारियों ने इस बारे में बताया।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान 10 दिसंबर को डायमंड हार्बर पर उनके काफिले पर हुए हमले के बाद 14 दिसंबर को बैठक के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वीरेंद्र को बुलाया गया था लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी आने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद दोनों अधिकारियों को शुक्रवार की बैठक के लिए तलब किया गया था। इस बार में भी उन्होंने आने में असमर्थता व्यक्त की लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक करने का प्रस्ताव दिया।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव ने दोनों अधिकारियों से पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल पूछे।
समझा जाता है कि गृह सचिव ने दोनों अधिकारियों को राज्य में राजनीतिक हिंसा को लेकर भी सवाल किए और उनसे इसपर रोक लगाने के लिए कदम उठाने को कहा।
एक और अधिकारी ने बताया कि नड्डा के काफिले पर हमला और तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा उन्हें नहीं भेजने के मुद्दे पर भी बात हुई।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से 11 दिसंबर को राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर मिली रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव और डीजीपी को 14 दिसंबर को तलब किया था।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के लोकसभा क्षेत्र में हुई इस घटना के बाद से केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है।
नड्डा के काफिले पर हमले के बाद गृह मंत्रालय ने भोलानाथ पांडे (एसपी, डायमंड हार्बर), प्रवीण त्रिपाठी (डीआईजी, प्रेसीडेंसी रेंज) और राजीव मिश्रा (एडीजी, दक्षिण बंगाल) को केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर बुलाया था। तीनों अधिकारियों पर राज्य में नड्डा के दौरे के दौरान सुरक्षा का जिम्मा था। हालांकि, राज्य सरकार ने ज्यादा संख्या में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नहीं होने के कारण उन्हें भेजने से मना कर दिया था।