झारखंड चुनाव : बिना 'कप्तान' के मैदान में डटे JDU के 'खिलाड़ी' मायूस! - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

झारखंड चुनाव : बिना ‘कप्तान’ के मैदान में डटे JDU के ‘खिलाड़ी’ मायूस!

झारखंड के चुनावी समर में बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) की टीम भी उतरी है, मगर अब तक कप्तान (अध्यक्ष) नीतीश कुमार मैदान में नहीं उतरे हैं।

झारखंड के चुनावी समर में बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) की टीम भी उतरी है, मगर अब तक कप्तान (अध्यक्ष) नीतीश कुमार मैदान में नहीं उतरे हैं। इस चुनावी मैदान में उतरे सभी दल जहां अपने स्टार प्रचारकों और चुनिंदा हस्तियों को मैदान में उतार कर अपने-अपने प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए जोर-आजमाइश में लगे हैं, वहीं जद (यू) अपने कप्तान की अनुपस्थिति में रणनीति ही नहीं बना पाई है। 
बिहार के 81 विधानसभा सीटों में पांच चरणों में होने वाले मतदान में पहले चरण का मतदान 13 विधनसभा क्षेत्रों में संपन्न हो चुका है, जबकि दूसरे चरण में सात दिसंबर को 20 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है, लेकिन नीतीश कुमार अब तक झारखंड नहीं पहुंचे हैं। जद (यू) ने यहां 48 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। 
वैसे, नीतीश पिछले दिनों झारखंड में चुनावी प्रचार में जाने से इनकार कर दिया था। इनकार करने के बावजूद यहां के नेताओं को आशा थी, कि जिस तरह जद (यू) के दिग्गज नेता उत्साह के साथ चुनाव के पूर्व झारखंड में खोई जमीन तलाशने की कोशिश में लगे थे, उससे संभावना बनी थी कि नीतीश कुमार प्रचार करने जरूर पहुंचेंगे। 
1575605814 jdu
ऐसे में जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के अब तक नहीं पहुंचने से पार्टी नेता-कार्यकर्ता और प्रत्याशी मायूस है। बुझे मन से प्रचार में लगे हैं। जद (यू) के सूत्रों का कहना है कि प्रत्याशियों में उत्साह भरने के लिए केवल झारखंड प्रभारी और बिहार के कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह और सह प्रभारी अरुण कुमार मोर्चा संभाले हुए हैं। 
सूत्र कहते हैं कि नीतीश कुमार के करीबी और सांसद ललन सिंह कभी-कभार पहुंच रहे हैं, लेकिन वे कार्यकर्ताओं में जोश नहीं भर पा रहे हैं। जद (यू) के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर आक्रोशित होकर बताते हैं, “जब कप्तान को ही मैदान में नहीं आना था, तो मैदान में ही नहीं उतरना चाहिए था। केवल प्रत्याशियों को उतारने से कुछ नहीं होता। दूसरे दल के दिग्गज नेता और स्टार प्रचारक पहुंच रहे हैं, जिससे जद (यू) के कार्यकर्ता हतोत्साहित हो रहे हैं।”
इधर, कुछ लोग तो अब यह भी आरोप लगा रहे हैं कि झारखंड में भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए जद (यू) चुनाव में उतरी है। जद (यू) के झारखंड प्रभारी हालांकि इससे इनकार करते हैं। प्रदेश प्रभारी सिंह कहते हैं, “कहीं कोई बात नहीं है। भाजपा से केवल बिहार में गठबंधन है। झारखंड में आंतरिक समझौते की बात गलत है। नीतीश कह चुके थे कि वे प्रचार में नहीं आएंगे।” 

झारखंड विधानसभा चुनाव : भाजपा के गढ़ में पत्थलगड़ी आंदोलन दिखा सकता है रंग

उल्लेखनीय है कि झारखंड में संभावित चुनाव को लेकर करीब तीन से चार महीने पूर्व से जद (यू) ने यहां चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। नीतीश कुमार से लेकर पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी झारखंड पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया, जद (यू) के रणनीतिकार भी सुस्त पड़ गए और कार्यकर्ता भी उनकी बाट जोह रहे हैं। 
एक रणनीति के तहत आदिवासी चेहरे सालखन मुर्मू को प्रदेश की बागडोर सौंप दी गई। मुर्मू भी मझगांव और शिकारीपाड़ा से प्रत्याशी हैं। ऐसे में वे भी अपने क्षेत्र में ही सिमट कर रह गए हैं। बहरहाल, जद (यू) के प्रत्याशी बुझे मन से चुनावी मैदान में हैं और उन्हें अपने अध्यक्ष का अब भी इंतजार है। अब देखना है कि नीतीश की गैरमौजूदगी में यहां के मतदाता ‘नीतीश मॉडल’ को कितना स्वीकार कर पाते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।