गोवा के मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता प्रमोद कुमार सावंत ने शुक्रवार को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उनकी सरकार महादयी नदी विवाद को लेकर राजग नीत केन्द्रीय पर्यवारण मंत्रालय के खिलाफ जाएगी। केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 24 दिसंबर को कर्नाटक सरकार को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया है कि महादयी नदी पर कलासा बंदूरी पेयजल परियोजना के लिये पर्यावरण मंजूरी की जरूरत नहीं है।
गोवा और कर्नाटक के बीच महादयी नदी के जल बंटवारे को लेकर विवाद रहा है और गोवा कलासा बंदूरी परियोजना का विरोध करता है। सावंत ने शुक्रवार को पोरोवोरिम में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, महादयी नदी के पानी के जल के रुख बदलने का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
मुंबई के आजाद मैदान में छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सीएए के खिलाफ किया प्रदर्शन
मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि गोवा के लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। यदि आवश्यकता हुई तो हम केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के खिलाफ भी जाएंगे। सावंत ने इस मुद्दे पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिए बाद में एक उच्च-स्तरीय बैठक भी बुलाई है।
उन्होंने कहा, गोवा सरकार इस मामले में हस्तक्षेप के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखेगी। इस बीच गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि गोवा को महादयी नदी के मुद्दे पर धोखा दिया गया और सिंचाई कार्यों के लिये नदी के पानी का रुख बदलने की कर्नाटक की योजना अस्वीकार्य है। उन्होंने बृहस्पतिवार को यहां एक स्थानीय टीवी चैनल से यह बात कही। मलिक ने कहा, यह अस्वीकार्य है कि कर्नाटक सिंचाई के लिए नदी के पानी का रुख बदलना चाहता है, जबकि गोवा, जो नीचे की ओर स्थित है, उसे इस पानी की जरूरत है।