महाराष्ट्र : मनसे प्रमुख राज ठाकरे और जल पुरुष के नाम से प्रख्यात राजेंद्र सिंह ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से सोमवार को मुलाकात की और उनके अनशन को समर्थन दिया। हजारे केंद्र में लोकपाल और महाराष्ट्र में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं और शिवसेना ने भी उन्हें पूरा समर्थन देने की बात कही है। हजारे के अनशन के छठे दिन महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि में ठाकरे ने 81 वर्षीय हजारे से मुलाकात की और उनके आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
ठाकरे ने हजारे से कहा कि वह ‘‘बेकार’’ सरकार के लिए अपने जीवन का बलिदान ना दें। उन्होंने हजारे से अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने और भाजपा नीत सरकार को ‘‘दफन’’ करने के लिए उनके साथ मिलकर राज्य का दौरा करने का अनुरोध किया। मनसे नेता और हजारे ने यादव बाबा मंदिर परिसर के एक बंद कमरे में 20 मिनट तक बैठक की। बैठक के बाद ठाकरे ने हजारे के प्रदर्शन स्थल पर मौजूद सभा को संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर देश को ‘‘धोखा’’ देने एवं अपनी ही पार्टी के चुनावी घोषणापत्र को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अन्ना से अपील की है कि वह इस बेकार सरकार के लिए अपने जीवन का बलिदान नहीं दें। मैंने उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके किसी वादे पर भरोसा नहीं करने को कहा है।’’ ठाकरे ने कहा कि मोदी ने 18 दिसंबर 2013 को लोकपाल विधेयक के समर्थन में ट्वीट किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार के पांच साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। वर्ष 2013 में अन्ना के आंदोलन के कारण ही आज लोग सत्ता में हैं। उन्हें यह भूलना नहीं चाहिए।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘ (दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद) केजरीवाल को अन्ना के आंदोलन के कारण पूरा देश जानता है।
अब वह (केजरीवाल) सत्ता में हैं और अन्ना के स्वास्थ्य के प्रति कोई चिंता व्यक्त नहीं कर रहे।’’ इससे पहले सुबह राजेंद्र सिंह ने भी हजारे से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की। सिंह ने कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर लोकपाल एवं लोकायुक्त कानून 2013 में ‘‘खामियों’’ और किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। सिंह ने बैठक के बाद कहा कि केंद्र सरकार वही ‘‘खेल खेलेगी’’ जो उसने कार्यकर्ता जी डी अग्रवाल के साथ खेला था। स्वच्छ गंगा की मांग को लेकर पिछले साल उत्तराखंड के हरिद्वार में प्रदर्शन करने वाले अग्रवाल का बाद में निधन हो गया था।
इस बीच, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अन्ना पर हठी और जिद्दी होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि निस्वार्थी लोग ही ऐसे होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भी ऐसे ही गुण पाए जाते हैं लेकिन इन बातों को उनकी महानता दर्शाया जाता है।’’ पार्टी ने सोमवार को कहा, ‘‘पहले आपको अन्ना का जीवन बचाना चाहिए और इसके बाद हम देखेंगे कि क्या करना है।’’