Telangana Elections Important For Congress And BJP Before Lok Sabha Elections

लोकसभा चुनाव 2024

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लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना चुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए अहम

telangana assembly election 2023 देश में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच तेलंगाना में आज चुनाव हो रहा है। जहां अन्य सभी विधानसभा के चुनाव समाप्त हो चुकें हैं।30 नवंबर को तेलंगाना में आखिरी राज्य के मतदान होंगे, और इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भी सभी मतदाताओं से बढ़-चढ़कर मतदान करने को कहे हैं। ऐसे में तेलंगाना चुनाव का परिणाम 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में के सत्ता की महत्वपूर्ण लड़ाई में दो राष्ट्रीय दलों-कांग्रेस और भाजपा- के भाग्य का निर्धारण करेंगे। तेलंगाना के चुनाव परिणाम ये संकेत देंगे कि क्‍या ये राष्‍ट्रीय दल किसी राज्य में एक मजबूत क्षेत्रीय राजनीतिक दल को चुनौती देने की स्थिति में हैं या नहीं।

चुनाव परिणाम से अपना आत्‍म मूल्‍यांकन करेगी कांग्रेस

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telangana assembly election 2023 कांग्रेस जहां इस चुनाव परिणाम से अपना आत्‍म मूल्‍यांकन करना चाहती है कि कांग्रेस राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद क्‍या पूरे देश में पुनरुत्‍थान की स्थिति में हैं? वहीं भारतीय जनता पार्टी में तेलंगाना चुनाव ये परीक्षण कर रही है कि क्‍या भाजपा का नरेंद्र मोदी केंद्रित अभियान पार्टी को मजबूत क्षेत्रीय दलों के खिलाफ स्थिति बदलने में मदद करेगा क्‍योंकि पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय दल मजबूती से स्‍थापित है।

केसीआर की गुलाबी पार्टी BRS के लिए ये अग्निपरीक्षा

लोकसभा चुनावों से पहले तेलंगाना चुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए है ये अहम परीक्षण? | Before Lok Sabha elections, Telangana elections are a test for the national parties Congress and BJP -

देखा जाए तो तेलंगाना का चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए केवल एक दूसरे के खिलाफ ही नहीं बल्कि एक क्षेत्रीय राजनीतिक तालत के खिलाफ एक लड़ाई है जो जो तेलंगाना राष्ट्र समिति के भारत राष्ट्र समिति में तब्दील होने के बाद से शुरू हो गई है। हालांकि कि केसीआर की गुलाबी पार्टी बीआरएस के लिए ये अग्निपरीक्षा भी है क्‍योंकि बीआरएस तेलंगाना में सत्ता बरकरार रखकर हैट्रिक हासिल करने के लिए दोनों राष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वियों की ताकत का मुकाबला कर रही है। जिस दो विरोधी पार्टियों की लड़ाई में क्षेत्रीय दलों के लिए कोई जगह नहीं है।

चुनाव प्रचार के लिए राष्ट्रिय पार्टियों के दिग्गज जूटें

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तेलंगाना के चुनाव प्रचार में जिस तरह से दोनों राष्‍ट्रीय पार्टियों के दिग्गज जुटे हैं, उससे सा‍फ है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों तेलंगाना में एक गंभीर लड़ाई लड़ रहे हैं। देश की सबसे पुरानी राष्‍ट्रीय पार्टी कांग्रेस और भाजपा की भगवा ब्रिगेड के सभी शीर्ष नेता देश भर से तेलंगाना पहुंचे। राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, मल्लिकार्जुन खड़गे, अन्य एआईसीसी पदाधिकारियों और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने राज्य में कई दिनों तक प्रचार किया।

 जेपी नड्डा समेत भाजपा शासित राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री ने की राज्य में की सार्वजनिक बैठकें और रैलियां

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वहीं भाजपा के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, भाजपा राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा शासित राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों ने तेलंगाना में भाजपा के लिए रोड शो, सार्वजनिक बैठकें और रैलियां की। वहीं भाजपा से संबंधित सभी विंग -आरएसएस, विहिप, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी आदि के पैदल सैनिक भी मतदाताओं से संपर्क करते रहे।

कांग्रेस को अपनी छह गारंटियों के बलबूते चुनाव में जीत पर पूरा भरोसा

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी के पक्ष में हवा है। भाजपा नेताओं को यह भी लगता है कि मोदी-शाह की बयार चल रही है। हालांकि कांग्रेस को अपनी छह गारंटियों के बलबूते चुनाव में जीत पर पूरा भरोसा है। कांग्रेस और भाजपा के साथ पूरा देश सच में 3 दिसंबर का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, लोग ये जानने के लिए बेताब है कि केसीआर की बीआरएस की क्या यह ट्रिपल हैट्रिक होगी और केसीआर का तीसरा कार्यकाल होगा, या लगातार तीन बार सत्ता हासिल करने में कांग्रेस की विफलता, और लगातार तीन चुनावों में तीसरे स्थान पर खिसकने का बीजेपी का अविश्वसनीय रिकॉर्ड बनाएगी। क्‍या आगामी चुनाव परिणाम पिछली दो बार 2014 और 2018 से अलग होंगे?

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