मंगलवार रात अचानक आए तेज तूफान ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। 98 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवाओं में शहर और आस पास के इलाके के ट्रैफिक का बुरा हाल कर दिया है। जानकारी के मुताबिक इस तूफान में 14 लोगों की जान गई है।तेज हवा के कारण कई पेड़ सड़क पर खड़ी कारों के ऊपर गिर गए, लोगों के मकानों को भी नुकसान पहुंचा है।
तूफान की वजह से मोबाइल टॉवर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं जिससे मोबाइल और इंटरनेट सेवा बाधित है। तूफान को लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। लगभग 98 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने से कई इलाकों में पेड़ गिर गए, जिसके कारण यातायात प्रभावित हुआ है। बुधवार (18 अप्रैल) को कोलकाता समेत प्रदेश के कई इलाकों में लोगों को घंटो सड़कों पर जाम के झाम से जूझना पड़ा।
पूर्वी एवं दक्षिण-पूर्वी रेलवे सूत्रों ने बताया कि सियालदह और हावड़ा डिवीजनों में उप-नगरीय ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि आंधी के दौरान ट्रेन से जुड़े बिजली के तार टूट गए। सूत्रों ने बताया कि एक रेलिंग का एक हिस्सा हावड़ा स्टेशन पर एक खाली ट्रेन पर जा गिरा। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
ट्रेन यातायात प्रभावित होने के कारण लोगों को स्टेशनों पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बुधवार सुबह सिलीगुड़ी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ देखने को मिली. ट्रेन लेट थी, जिसके कारण स्टेशन पर भीड़ बढ़ती ही जा रही थी।
स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी गेटों को खोल दिया गया। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि तूफान के कारण कई जगहों पर पटरियों को क्षति होने की आशंका जताई जा रही है। जिसके कारण ट्रेनें लेट चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेन का परिचालन सामान्य किया जा सके, इसके लिए काम किया जा रहा है।
कोलकाता में आंधी तूफान के बाद कई जगहों पर शॉर्ट सर्किट और बिजली की तारों के टूटने की भी खबर आई। बिजली के तार टूटने के कारण कई घरों को नुकसान पहुंचा है. उस आंधी-तूफान के कारण प्रदेश में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि गई है जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं।
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