पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2 टूक शब्दों में पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि यदि किसी ने हमारी शांति भंग करने की कोशिश की तो उसे बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी में ध्वजारोहण के बाद वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि सीमावर्ती राज्य की रक्षा करने में कोई चूक नहीं होगी। पड़ोसी देश हमेशा मुश्किलें खड़ी करने की ताक में रहता है।
‘हम शांति चाहते हैं और भारतीय क्षेत्र में किसी भी हमलावर कार्रवाई या हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पाकिस्तान कोई मुसीबत खड़ी करता है तो हम उनको ऐसा सबक सिखाएंगे जो वह जिंदगी भर याद रखेगा।’ पड़ोसी मुल्कों द्वारा राज्य में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का प्रयोग का जिक्र करते हुए कैप्टन सिंह ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान पंजाब में किसी भी स्थिति का लाभ लेने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा। इसलिये हमें खुद सतर्क रहना होगा ताकि हमारा कोई नाजायज फायदा न उठा सके।
उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने और प्रदेश के विकास और अमन शांति की सूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गैंगस्टरों और आतंकवादियों समेत किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करेगी और हम ऐसी किसी भी कोशिश के विरुद्ध सख्ती से पेश आएंगे। पंजाब के लिए कोई भी खतरा हमारे समूचे मुल्क के लिए खतरा होगा। उन्होंने बताया कि सरकार के सत्ता संभालने से लेकर 47 पाकिस्तानी आतंकवादी मॉड्यूलों और 347 गैंग्स्टरों के मॉड्यूलों को निष्प्रभावी किया गया है, जिनमें से कुछ बड़े गैंगस्टरों को अर्मेनिया, यूएई और अन्य देशों से डिपोर्ट करवाया गया और कई अन्य को डिपोर्ट करवाने की कार्यवाही जारी है।
बाद में कुछ पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने किसानों के चल रहे आंदोलन से संबंधी चिंता प्रकट की और कहा कि उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री के साथ अपनी बैठकों के दौरान यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा वह इन कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसानों के साथ मिलकर लड़ाई जारी रखेंगे और इस संघर्ष के दौरान शहीद होने वाले किसानों के बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
कैप्टन सिंह ने कहा कि यदि कुछ अन्य राजनीतिक पार्टियों ने पिछले साल जून महीने के दौरान केंद्र के समक्ष हमारी गहरी चिंताओं को एकजुट होकर उठाने संबंधी हमारे अनुरोध को माना होता तो शायद आज यह स्थिति पैदा न होती। मुख्यमंत्री ने हाल ही में समाप्त हुए टोक्यो ओलम्पिक खेलों में राज्य का नाम रौशन करने वाले 20 लड़के और लड़कियों के प्रदर्शन पर गर्व प्रकट किया और कहा कि नकद पुरस्कारों के अलावा इन सभी खिलाडियों को सरकारी नौकरियां भी दी जाएंगी। उन्होंने निजी तौर पर महसूस किया है कि उनकी उपलब्धियों के लिए यह सब अभी काफी नहीं है।
उनके अनुसार राज्य में 62,748 सरकारी नौकरियां पहले ही दी जा चुकी हैं, जबकि 7.4 लाख नौजवानों को निजी नौकरियां और 10.9 लाख नौजवानों को स्व-रोजगार की सुविधा दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि 1 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री ने उनकी सरकार द्वारा दलितों, ओबीसी और गरीबों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का हवाला भी दिया, जिसमें पैंशन और आशीर्वाद स्कीम के अधीन शगुन राशि में वृद्धि के साथ-साथ एससी पोस्ट मैट्रिक स्कीम, जिसको केंद्र सरकार ने अचानक बंद कर दिया था, की फिर से शुरूआत करना भी शामिल है।