राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने किसानों का कर्ज माफी का मुद्दा उठाया। शून्यकाल में स्थगन प्रस्ताव के तहत उपनेता प्रतिपक्ष डा सतीश पूनियां ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि पांच पहले किसानों से कर्जमाफी का वादा करने के बाद भी आज तक किसानों की कर्जमाफी नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि इसलिए वर्ष 2019 में किसान सोहन लाल ने आत्महत्या कर ली और आत्महत्या करने से पहले अपना एक वीडियो बनाया कि वह राज्य सरकार की वादा खिलाफी से तंग आकर आत्महत्या कर रहा है।
किसानो की जमीनें नीलम होने वाले बात सरकार ने भी स्वीकार की
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य कई किसानों के भी आत्महत्या कर लेने के मामले सामने आए है । उन्होंने कहा कि राजस्थान के 60 लाख किसान एक लाख करोड़ का कर्ज माफ का आज भी इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्ज नहीं चुकाने पर किसानों की जमीनें नीलाम हो रही और सरकार ने भी यह बात स्वीकार की हैं। इसी तरह विधायक धर्मनारायण जोशी, अविनाश महर्षि, फूल सिंह मीणा एवं चंद्रकांता मेघवाल ने भी कर्ज माफी के मुद्दे को उठाया।
स्पीकर सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा को सदन से बाहर निकालने की चेतावनी दी। इस दौरान स्पीकर और संयम लोढ़ा के बीच नोकझोंक हो गई। स्थानीय युवाओं को भर्तियों में प्राथमिकता देने से जुड़े सवाल पर संयम लोढ़ा बिना स्पीकर की मंजूरी बोलने लगे। संयम लोढ़ा ने कहा- मंत्री पिछले पांच साल से केवल बातें ही कर रहे। किया कुछ नहीं है। इस पर स्पीकर ने संयम लोढ़ा को बैठने को कहा, लेकिन वे बोलते रहे। स्पीकर ने संयम लोढ़ा को सदन से बाहर करने तक की चेतावनी दे दी।