राजस्थान में भी कांग्रेस होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मेहनत कर रही है. इस बार लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, जिसमें एक नाम राजस्थान का भी है. बता दें की राजस्थान में कांग्रेस ने विधान सभा चुनाव के लिए 29 सदस्यों का गठन किया है. जिसमें अध्यक्ष के रूप में गोविंद सिंह डोटासरा हैं, वहीँ हैरान कर देने वाली बात तो ये है की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के समर्थकों को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों से ज्यादा प्राथमिकता दी गयी है.
गठन को लेकर आई कई अड़चने
6 जुलाई को राजधानी दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में मल्लिका अर्जुन खड़गे, राहुल गांधी, जस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के साथ सचिन पायलट, और राज्य के कई अन्य नेताओं के साथ एक बैठक हुई. जिसके बाद ही कांग्रेस कमिटी के चुनाव का गठन हुआ. जिसमें गेहलोत के 16 समर्थकों को शामिल किया गाय है, वहीँ इस रेस में सचिन पायलट के सिर्फ 2 समर्थक ही शामिल है. साथ ही सचिन पायलट के 6 मंत्री किसी भी खेमे में शामिल नहीं हुए. बता दें की अशोक गेहलोत के ऐसे 2 मंत्री भी हैं जिन्हे इसमें शामिल नहीं किया गया. जो की शांति धारिवाल और महेश जोशी है.
पैनल में बढ़ा गेहलोत के वफादारों का दबदबा
राजस्थान में चुनावी दौर आ चुका है, जहां कांग्रेस चुनाव समिति की इस बार अध्यक्षता प्रदेश के कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष “गोविंद सिंह डोटासरा” करने वाले हैं. बता दें की इस पैनल में उन सभी जातियों, समुदायों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया, जिंझे पहले ये अवसर नहीं मिल पाया था. हालांकि इसमें कई मंत्रियों को पैनल का सदस्य नियुक्त किया गया है, जिस कारण ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार समिति के लोग पैनल में हावी होते हुए नज़र आ रहे हैं.