राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंसा में शहीद हुये हेड कांस्टेबल रतनलाल का बुधवार को उनके पैतृक गांव सीकर जिले के तिहावली में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
शहीद के सात वर्षीय पुत्र राम ने उनकी देह को मुखाग्नि दी। सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने तिहावली पहुंचकर शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पूर्व शहीद की पार्थीव देह जब तिहावली पहुंची तो बडी संख्या में ग्रामीणों ने करीब 15 किमी दूर ही शव वाहन को रोक लिया। ग्रामीणों ने शव को रखकर प्रदर्शन किया और जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग की।
इस दौरान सांसद सुमेधानंद सरस्वती भी वहां पहुंचे। श्री सरस्वती ने बताया कि केन्द्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद से इस बारे में उनकी बात होने के बाद उच्च स्तर पर निर्णय लिया गया कि दिल्ली पुलिस के रतनलाल को शहीद का दर्जा दिया गया है। इसके तहत शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रूपए और शहीद को मिलने वाला पूरा पैकेज दिया जायेगा।
बता दे, शहीद रतन लाल दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र के अमृत विहार कॉलोनी में रहते थे। रतन लाल अपने पीछे तीन बच्चों, सिद्धि (13), कनक (10) और राम (8) को छोड़ गए हैं। जब उनकी पत्नी पूनम को पति के शहीद होने की खबर मिली वह बेहोश हो गई थीं।
दिल्ली के दयालपुर थाने में तैनात सहायक पुलिस उप-निरीक्षक स्तर के एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया, “सोमवार को दोपहर बाद दयालपुर थाना क्षेत्र में उपद्रवियों के बीच फंसकर जिंदगी गंवाने वाले हवलदार (एसीपी गोकुलपुरी के रीडर) रतन लाल की मौत के मामले में मंगलवार को ही दयालपुर थाने में हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की तफ्तीश की जा रही है। अभी तक हमलावरों का पता नहीं चल सका है। मौके पर लगे कुछ सीसीटीवी की तलाश जारी है। सीसीटीवी रतन लाल के असली हत्यारों तक पहुंचाने में पुलिस के लिए बेहद मददगार साबित होंगे।”