भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज विनोद कांबली ने आज यहां कहा कि उन्होंने कोच बनने का फैसला दोस्त और टीम के साथी रहे सचिन तेंदुलकर की सलाह पर किया। तेंदुलकर और कांबली दिग्गज क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर के शिष्य है। अपनी दोस्ती के लिये मशहूर इन दोनों खिलाडय़रों ने भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। कांबली ने कहा कि क्रिकेट मैदान वह खिलाड़ नहीं, बल्कि कोच के रूप में वापसी कर रहे है जिसका श्रेय तेंदुलकर को जाता है। उन्होंने कहा, जब मैंने क्रिकेट से संन्याय लिया था, तब मैंने कमेंट्री या टीवी पर विशेषज्ञ बनने के बारे में सोचा लेकिन क्रिकेट के प्रति मेरा प्यार हमेशा बना रहा, इसलिये मैं फिर से मैदान पर आ रहा हूं।
बाएं हाथ का यह पूर्व बल्लेबाज मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के बांद्रा कुर्ला परिसर में एक क्रिकेट कोचिंग अकादमी के लॉन्च के मौके पर मौजूद था। इस अकादमी में वह कोचिंग सत्र आयोजित करेंगे। लगातार दो टेस्ट मैच में दोहरा शतक लगाने वाले देश के पहले बल्लेबाज कांबली ने कहा, सचिन को पता है मुझे क्रिकेट से कितना लगाव है, इसलिये उन्होंने मुझ से कहा कि मैं कोचिंग देना शुरू करूं। उन्होंने मुझे जो रास्ता दिखाया मैं उस पर चलने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि कोचिंग लेने वाले छात्रों को वह उन मूल्यों के बारे में बतायेंगे जो उन्होंने आचरेकर से सिखा है। कांबली ने कहा, आचरेकर सर से मिले मूल्यों को मैं छात्रों के साथ साझा करूंगा।
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