इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी ने अपनी वार्षिक बैठक में सर्वसम्मति के साथ तत्काल प्रभाव से जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को सस्पेंड करने का फैसला कर दिया है। जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी ने बीते गुरुवार अपना बयान जारी करके सस्पेंड कर दिया है।
जिम्बाब्वे क्रिकेट को संवैधानिक नियमों का उल्लघंन करने के लिए हालिया सरकार के खेल एवं मनोरंजन आयोग ने उसे बैन करने दिया था। इतना ही नहीं आईसीसी फंडिंग पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही आईसीसी इवेंट्स में हिस्सा लेने के लिए देश के प्रतिनिधि टीमों पर भी बैन हो जाएगा।
इसकी वजह से जिम्बाब्वे का अक्टूबर में पुरुषों के टी20 विश्व कप क्वालिफायर खेलना भी खतर में आ गया है। बैठक में साफ हो गया है कि जिम्बाब्वे क्रिकेट लोकतांत्रिक तरीके से निष्पक्ष चुनाव कराने में नाकाम हुई है ताे वहीं क्रिकेट बोर्ड पर सरकार की दखलबाजी को भी नहीं दूर कर पाई है। जिसकी वजह से आईसीसी को यह फैसला लेना पड़ा है।
जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड पर बैन के मामले पर आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने बात करते हुए कहा, हम किसी सदस्य को निलंबित करने के फैसले को हल्के में नहीं लेते हैं लेकिन हमें अपने खेल को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखना चाहिए। जिम्बाब्वे में जो हुआ है, वह आईसीसी संविधान का एक गंभीर उल्लंघन है और हम इसे अनियंत्रित तरीके से जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। आईसीसी चाहता है कि आईसीसी संविधान के तहत जिम्बाब्वे में क्रिकेट जारी रहे।
Zimbabwe Cricket have been suspended with immediate effect.https://t.co/lfOC8J5LRm
— ICC (@ICC) July 18, 2019
आईसीसी केे वार्षिक कॉन्फ्रेंस में कई दूसरे भी फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों में एक स्लो ओवर रेट का नियम है जिसमें सिर्फ कप्तान को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है लेकिन अब कप्तान ही नहीं स्लो ओवर रेट के लिए जिम्मेदार होगा। अब जो नया फैसला लिया गया है उसके अनुसार टीम के सारी खिलाड़ी कप्तान के साथ स्लो ओवर रेट के जिम्मेदार माने जाएंगे।