कांग्रेस के 'असंतुष्टों' ने कहा, सामूहिक व समावेशी नेतृत्व है का आगे रास्ता - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कांग्रेस के ‘असंतुष्टों’ ने कहा, सामूहिक व समावेशी नेतृत्व है का आगे रास्ता

कांग्रेस के असंतुष्टों या पार्टी के कामकाज में व्यापक बदलाव की मांग करने वाले ‘जी-23’ समूह ने पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की और कश्मीरी भोजन का स्वाद लेते हुए पार्टी नेतृत्व, विशेष रूप से गांधी परिवार को लेकर अपनी रणनीति पर चर्चा की।

कांग्रेस के असंतुष्टों या पार्टी के कामकाज में व्यापक बदलाव की मांग करने वाले ‘जी-23’ समूह ने पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की और कश्मीरी भोजन का स्वाद लेते हुए पार्टी नेतृत्व, विशेष रूप से गांधी परिवार को लेकर अपनी रणनीति पर चर्चा की।
आगे बढने के लिए समावेशी निर्णय लेने के मॉड़ल को  अपनाने की जरूरत – G23
समूह ने बैठक के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें लिखा है :  हम मानते हैं कि कांग्रेस के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका सामूहिक और समावेशी नेतृत्व और सभी स्तरों पर निर्णय लेने के मॉडल को अपनाना है .. भाजपा का विरोध करने के लिए और कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है। हम मांग करते हैं कि कांग्रेस पार्टी 2024 में एक विश्वसनीय विकल्प का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मंच बनाने के लिए समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करे। 
 बैठक में शामिल हुए यह काग्रेंसी दिग्गज  
समूह में शुरुआती सदस्यों के अलावा मणिशंकर अय्यर, पटियाला की सांसद और पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर, वरिष्ठ नेता पी.जे. कुरियन, पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल, राज बब्बर और कुलदीप शर्मा सहित कुछ और नेता भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में शंकरसिंह वाघेला और संदीप दीक्षित ने भी हिस्सा लिया। वाघेला पहले कांग्रेस में रहे हैं, लेकिन उनकी वर्तमान स्थिति स्पष्ट नहीं है।
काग्रेंस आलाकमान ने गिरायी क्षेत्रीय नेतृत्व पर गाज
सीडब्ल्यूसी द्वारा सोनिया गांधी के नेतृत्व का समर्थन किए जाने के बाद आगे की रणनीति तैयार करने के लिए यह बैठक की गई। समूह पहले ही कांग्रेस के भीतर समान विचारधारा वाले नेताओं तक पहुंच चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को पांच राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को हटा दिया और इसके बाद समर्थकों ने असंतुष्टों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष के पास पहुंच, स्वीकार्यता और जवाबदेही होनी चाहिए- संदीप दीक्षित नेता G23
हालांकि, सदस्यों में से एक विवेक तन्खा ने ‘विद्रोह’ शब्द को खारिज करते हुए कहा,  कोई विद्रोह नहीं है। वह बैठक से जल्दी ही चले गए। संदीप दीक्षित ने  एक समाचार एजेंसी  से बात करते हुए कहा,  कांग्रेस अध्यक्ष के पास पहुंच, स्वीकार्यता और जवाबदेही होनी चाहिए। 
 

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