केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि दुनिया को व्यापार नीति और पर्यावरण संबंधी लक्ष्यों को अलग-अलग रखना चाहिए। गोयल ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र व्यापार मंच, 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के विकसित देशों को व्यापार और जलवायु परिवर्तन के बीच ‘ अधिक घाल-मेल’ नहीं करना चाहिए।
गोयल ने उम्मीद जताई कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) जैसे निकाय विकासशील और अल्पविकसित देशों के प्रति अधिक कड़ा रवैया नहीं अपनाएंगे, क्योंकि अब इन देशों के प्रति अधिक सहानुभूति, उदारता तथा समर्थन दिखाने का समय है।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व के करारों या प्रतिबद्धताओं के मामले में नरमी की जरूरत है, जिससे इन देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पटरी पर लाने का मौका मिल सके।’’ गोयल ने कहा कि व्यापार नीति दुनियाभर में अधिक समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने वाली होनी चहिए और सभी देशों को जलवायु न्याय और सतत जीवनशैली के लिए काम करने की जरूरत है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि विकसित देश व्यापार और जलवायु चुनौतियों के पारस्परिक प्रभाव का बहुत अधिक इस्तेमाल नहीं करेंगे क्योंकि व्यापार सभी देशों को समृद्ध करने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके जरिये ऐसी व्यापारिक अड़चनें खड़ी नहीं की जानी चाहिए जो अंतत: गरीब और अल्प विकसित देशों की समृद्धि में बाधक बनें।
गोयल ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमें व्यापार नीति और हमारे हरित लक्ष्यों को दस गुना करना चहिए।’’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय एजेंसियों को जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए दुनिया को एकसाथ लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।