29 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है और 14 अक्टूबर को समापन हो रहा है। पितृपक्ष का समय पितरों का याद करने का होता है।
कभी-कभी इंसान की कुंडली में पितृ दोष होता है, जिसकी वजह से जिंदगी में हर समय कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को बेहद अशुभ और दुर्भाग्य का कारक माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष बनता है, उन्हें तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए लोग पितृ दोष निवारण के लिए ज्योतिष उपाय कराते हैं, ताकि उनकी कुंडली से ये दोष दूर हो सके। पितृ दोष निवारण के लिए पितृ पक्ष का समय सबसे उत्तम माना जाता है।
आइए जानते हैं पितृपक्ष में ऐसे कौन से 3 काम हैं, जिनके करने से जीवन में तरक्की होगी और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
गाय को चारा खिलाना- यदि आप लंबे समय से घर खरीदना चाहते है और लंबे समय से ये काम पूरा नहीं हो पा रहा तो आप पितृपक्ष में हर रोज गाय को चारा और गौ ग्रास खिलाना चाहिए। गौ ग्रास भोजन बनाते समय पहली रोटी गाय को निकालने को कहते हैं, ऐसा करने से देवी देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
पितृपक्ष में जलाएं दीपक- यदि आप की कोई मनोकामना है तो आप उसे पूरा करने के लिए पितृपक्ष में हर रोज सुबह शाम पितरों के नाम से एक दीप दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके जलाना चाहिए। पितृपक्ष में दक्षिण दिशा से ही पितर पृथ्वी लोक पर अपने रिश्तेदारों के यहां आते हैं। साथ ही जिस दिन पितरों का श्राद्धकर्म कर रहे हैं, उस दिन दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अपने पितरों का आह्वान करते हैं।
धन संबधी परेशानी दूर करने के लिए- वैसे तो किचन में कभी भी गंदे और झूठे बरतन नहीं छोड़ने चाहिए पर इन दिनों में विशेष ध्यान रखें।पितृपक्ष में भूलकर भी किचन या घर के किसी भी कोने पर जूठे बर्तन नहीं रखें और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। पितृपक्ष के दौरान किचन में जूठे बर्तन रखना बहुत अशुभ माना जाता है। रात के समय जूठे बर्तन रखने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और पितृदोष भी लगता है। इसलिए पितृपक्ष के समय घर में जूठे बर्तन नहीं रखने चाहिए।