देश में आज नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटिंग कुछ ही देर में शुरू होने वाली है। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की तरफ से उम्मीदवार के तोर पर द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष की ओर से उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा मैदान में हैं। 21 जुलाई को मतगणना के बाद देश को उसका 15वां राष्ट्रपति मिल जाएगा। देश के 4 हजार से ज्यादा सांसद और विधायक राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करेंगे।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग सुबह 10 बजे से शुरू होगी। राज्यों के विधानसभा और संसद भवन में मतदान होगा। इसमें विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के उम्मीदवार मतदान करेंगे। संसद भवन में प्रथम तल पर कमरा नं- 63 में वोटिंग होगी। वोटिंग 10 बजे से 5 बजे तक बैलेट पेपर से होगी। सांसदों को बैलट पेपर पर राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम के आगे अपनी वरीयता दर्ज करनी होगी।
कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव?
भारत में राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज करता है। यानी जनता अपने राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नहीं करती, बल्कि उसके वोट से चुने गए लोग करते हैं। इस चुनाव में सभी प्रदेशों की विधानसभाओं के विधायक और लोकसभा तथा राज्यसभा में चुनकर आए सांसद वोट डालते हैं।
राष्ट्रपति की ओर से संसद में नॉमिनेटेड मेंबर वोट नहीं डाल सकते। वहीं राज्यों की विधान परिषदों के सदस्यों को भी वोटिंग का अधिकार नहीं है, क्योंकि वे जनता द्वारा चुने गए सदस्य नहीं होते। इस वोटिंग में विधायक हिस्सा लेते हैं। हर राज्य के विधायक के मत का मूल्य अलग-अलग होता है।