महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार अपनी एकजुटता के चलते विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी चुनौती देती है। इसके साथ ही एक साथ मिलकर भाजपा को कई मुद्दों पर घेरती है। महाराष्ट्र में कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने बुधवार को हिंदुत्व के मुद्दे पर दावा पेश करते हुए कहा कि उसके संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने यह सुनिश्चित किया कि, ”हिंदू, धर्म के नाम पर अपना वोट डालें।”
संजय राउत का भाजपा पर जोरदार हमला, पूछा-
शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपनी पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी की हिंदुत्व के लिए प्रतिबद्धता केवल राजनीति और चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि ये सुनिश्चित करना है कि लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान मिले। राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”आज, हिंदुत्व वोट बैंक की हिमायत करने वाले, तब भाग खड़े हुए थे, जब अयोध्या में बाबरी विध्वंस किया जा रहा था। वे शिवसैनिक और बालासाहेब ठाकरे थे जोकि हिंदुओं के पक्ष में दृढ़ता से खड़े रहे।”
छत्रपति शिवाजी महाराज और संत-महंतों ने ‘हिंदू वोट बैंक’ विकसित किया
राउत भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें पाटिल ने दावा किया है कि राजा छत्रपति शिवाजी महाराज और संत-महंतों ने ‘हिंदू वोट बैंक’ विकसित किया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा पार्टी के अन्य नेता इसे शीर्ष पर लेकर गए।
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मुझे खुद भी इस बात का कोई अंदाजा नहीं है
राउत ने कहा, ‘‘मुझे खुद भी इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंदू वोट बैंक विकसित किया या नहीं? हालांकि, ये एक तथ्य है कि शिवाजी ने देश में ”हिंद्वी स्वराज्य” स्थापित किया।’’ राउत ने कहा, ”बालासाहेब ठाकरे और उनसे पहले वीर सावरकर (विनायक दामोदर सावरकर) थे, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा का अनुसरण किया इसीलिए देश के लोग ठाकरे को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहते हैं।”
यह मंदिरों तक ही सीमित नहीं है
उन्होंने कहा, ”हमारा हिंदुत्व केवल राजनीति और चुनाव के लिए नहीं है। यह मंदिरों तक ही सीमित नहीं है। हमारा हिंदुत्व लोगों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान सुनिश्चित करने के लिए है।” शिवसेना नेता की यह टिप्पणी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा हिंदुत्व की राजनीति की निंदा करने के कुछ दिनों बाद आई है। गांधी ने हाल में कहा था कि ”हिंदुत्ववादियों” को सत्ता का लालच है और वे इसे किसी भी कीमत पर इसे पाना चाहते हैं।