भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि देश का संविधान खतरे में है क्योंकि देश को धार्मिक आधार पर बांटने के प्रयास किए जा रहे हैं। सिन्हा वर्तमान में 3,000 किलोमीटर की गांधी शांति यात्रा में मौजूद हैं। शनिवार को लखनऊ पहुंचे सिन्हा ने संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा, हम शांति, अहिंसा का संदेश फैलाने के लिए बाहर आए हैं। देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में है, इसलिए हमने यह यात्रा निकालने का फैसला किया है।
वर्तमान में सबसे ज्यादा अशांति फैली हुई प्रतीत होती है। किसान नाखुश हैं और हर जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, लोगों में एक-दूसरों के प्रति हिंसा बढ़ रही है और इसे रोकने की जरूरत है। लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है।
बेरोजगारी को लेकर प्रियंका का मोदी सरकार पर वार, बोलीं-7 क्षेत्रों में बेरोजगार हो गए साढ़े 3 करोड़ लोग
जनता अगर किसी बात को लेकर नाखुश है तो सरकार को उसकी बात सुननी चाहिए। सिन्हा ने अपने समर्थकों के साथ नौ जनवरी को मुंबई से शांति यात्रा शुरू की थी। वे अब तक राजस्थान, हरियाणा पार करते हुए अब उत्तर प्रदेश में पहुंच गए हैं।
यात्रा का समापन 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर राजघाट पर होगा। यशवंत सिन्हा को यात्रा के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा का समर्थन प्राप्त हुआ है।