बीते मंगलवार को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर के छात्र को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पूरे परिसर में इस घटना के बाद से तनाव बढ़ गया है। वहीं पुलिस ने चार लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है।
आईएएनएस के अनुसार, अनिल कुमार जो वाराणसी छावनी के क्षेत्राधिकारी हैं उन्होंने बातचीत करते हुए कहा, बीएचयू परिसर में बिड़ला चौराहा के पास मंगलवार को बाइक सवार चार बदमाशों ने एमसीए के एक निष्कासित छात्र गौरव सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर उसकी हत्या कर दी।
बता दें यह घटना मंगलवार शाम को बीएचयू परिसर में उस समय हुई थी जब एमसीए के छात्र गौरव सिंह अपने दोस्तों के साथ बिड़ला हॉस्टल के सामने खड़े हुए थे। उसी समय वहां पर कुछ लोग आए थे और उन्होंने गौरव सिंह पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। हमलावर वहां से गौरव को गोली मारकर जल्दी से चले गए।
वहीं गौरव को बीएचयू के ट्रामा सेंटर में ले जाया गया जहां पर उनका इलाज किया जा रहा था। लेकिन उनका खून ज्यादा बहने की वजह से डॉक्टर गौरव को नहीं बचा पाए। अनिल सिंह ने वारदात की असली वजह बताते हुए कहा कि इस हमले की वजह छात्र गुटों की आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई बताई है।
आरोपियों का नाम बताया था मरने से पहले
अनिल सिंह ने बताया कि गौरव ने मरने से पहले चार आरोपियों के नाम पुलिस को बताया है कि उन चारों आरोपियों को पुलिस ने बीएचयू के छात्रावासों और आसपास के क्षेत्र में छापेमारी करके गिरफ्तार किया है।
छात्रों ने बताया कि गौरव शाम को लगभग 7 बजे बिड़ला चौराहा पर अपने दोस्तों से बातचीत कर रहा था। इसी बीच वहां पर दो बाइक पर चार बदमाश आए थे और गौरव को 8-10 गोलियां मार दीं और वहां से भाग गए। गौरव को गोलियां लगते ही वहां पर भगदड़ मच गई थी। गौरव ने जिन चार आरोपियों का नाम बताया था उन सबको पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ कर रहे हैं।
मृतक छात्र आखिरी कौन था
बता दें कि गौरव सिंह एमसीए की पढ़ाई कर रहे थे और वह यूनिवर्सिटी के लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल में रहता था। बीएचयू में दिसंबर 2017 में बवाल हुआ था उस मामले में गौरव आरोपी थी जिसकी वजह से 2018 में गिरफ्तार कर लिया था और इसी के बाद से वह यूनिवर्सिटी से भी निष्कासित कर दिया गया था।
आक्रोश है छात्रों में
इस घटना के बाद ट्रामा सेंटर के बाहर छात्रों ने बहुत गुस्सा निकाला। इतना ही नहीं गुस्साए छात्रों ने वारदात के बाद ट्रॉमा सेंटर में तोडफ़ोड़ भी की। उसके बाद पुलिस ने उन छात्रों को वहां से जबरन निकाला। वहां के हालातों को नाजुक देखते हुए पुलिस ने भारी मात्रा में बलों को तैनात कर दिया।