समाजवादी परिवार नेता जी को खोने के बाद एक हो चुका है मुलायम सिंह यादव के रहते परिवार के लोगों में जो नाराजगी थी उसको किनारे करते हुए परिवार एक हो चुका है और इस एकता को लगातार बढाया जा रहा है। बीते दिनों सबने देखा की मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव के प्रचार में मुलायम सिंह का पुरा कुनबा एक हो गया। इससे पहले अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को अपने कार्यक्रम में बुलाया उनके पैर छू कर आशिर्वाद लिया।
शिवपाल यादव को सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया
इसके बाद चाचा शिवपाल यादव ने मैनपुरी उपचुनाव के बाद अपनी पार्टी का ही समाजवादी पार्टी में विलय कर दिया था। और चाचा भतीजे एक हो गए। इसके बाद भतीजे अखिलेश यादव ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए चाचा को बड़ा तोहफा देते हुए अपनी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया।
शिवपाल अपर्णा यादव को दे सकते है बड़ी जिम्मेदारी
इसके बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को शिवपाल यादव कोई नई जिम्मेदारी दे सकते है। वैसे तो अपर्णा यादव जिस तरह के बयान देती है उस्से लगता है कि वो समाजवादी पार्टी से दूर हो गई है। लेकिन वो परिवार के साथ हमेशा से ही रही है। क्योंकी मैनपुरी उपचुनाव के बाद डिंपल यादव को अपर्णा यादव ने बधाई दी और जन्मदिन पर तस्वीरों के साथ ट्विटर पर शुभकामना संदेश भी दिया। इससे साफ है कि वो अपने परिवार के साथ ही है।
अपर्णा यादव को लेकर शिवपाल का बयान
इन सबके बीच अपर्णा यादव को लेकर शिवपाल सिंह यादव ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल बलिया में शिवपाल यादव से पूछा गया कि क्या बीजेपी नेता अपर्णा यादव से अभी भी उनकी बात होती है, इसपर उन्होंने कहा कि ‘अपर्णा जब बहू है तब कभी कोई त्योहार होता है, कोई फंक्शन होता है तो सब लोग इकट्ठे रहते हैं। परिवार के सुख दुख सबमें शामिल होते है। उनके इस बयान से ये मान लिया जाए की वो अपर्णा यादव को कोई जिम्मेदारी देने का मन बना रहे है। ये तो आने वाला समय ही बताएगा। आपको बता दें कि
2018 में सपा से अलग हुए थे शिवपाल
मैनपुरी के उपचुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की जीत के बाद शिवपाल को अखिलेश ने पार्टी में शामिल कराया था। अखिलेश यादव ने सपा का झंडा देकर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराया था। साल 2018 में सपा से अलग होकर उन्होंने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया का गठन कर लिया था और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वह फिरोजाबाद सीट से सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ मैदान में उतरे थे। हालांकि शिवपाल यादव को जीत नहीं मिली थी।