नौ मई हिंसा: सैन्य अदालतों को सशर्त फैसला सुनाने की इजाजत मिली - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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नौ मई हिंसा: सैन्य अदालतों को सशर्त फैसला सुनाने की इजाजत मिली

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सैन्य अदालतों को केवल नौ मई के उन संदिग्धों के मामलों में फैसला सुनाने की सशर्त इजाजत दी, जिन्हें आगामी ईद त्योहार से पहले रिहा किया जा सकता है। यह मामला पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पिछले साल नौ मई को देश में भड़की हिंसा के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में कथित संलिप्तता के लिए 103 नागरिकों के मुकदमे से संबंधित है।

  • फौजदारी अदालतों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए
  • सैन्य मुकदमों के बारे में विवरण प्रदान करने को कहा
  • हिंसा के मामले में खान की पार्टी के कई कार्यकर्ता गिरफ़्तार

सर्वसम्मत फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई

pakistan court

न्यायालय की छह सदस्यीय पीठ ने 23 अक्टूबर, 2023 को हिंसा को लेकर नागरिकों के खिलाफ सैन्य अदालतों के मुकदमे को रद्द करने संबंधी अपने पूर्व के सर्वसम्मत फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई की। पीठ में न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर, न्यायमूर्ति सैयद अजहर हसन रिजवी, न्यायमूर्ति शाहिद वहीद, न्यायमूर्ति मुसर्रत हिलाली और न्यायमूर्ति इरफान सआदत खान शामिल रहे।

फौजदारी अदालतों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए

न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर, न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी, न्यायमूर्ति सैयद मजार अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति आयशा मलिक की पांच सदस्यीय पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था कि सैन्य अदालतों में आरोपी नागरिकों पर मुकदमा चलाना देश के संविधान के खिलाफ है। पीठ ने यह भी कहा था कि आरोपी नागरिकों पर फौजदारी अदालतों में मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अदालत ने पिछले साल 13 दिसंबर को अपील पर फैसला आने तक 5-1 के बहुमत से फैसले को निलंबित कर दिया।

सैन्य मुकदमों के बारे में विवरण प्रदान करने को कहा

pakistan army 1

अपील तत्कालीन कार्यवाहक संघीय सरकार और बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांतों के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय द्वारा दायर की गईं थीं। अदालत ने 25 मार्च को पिछली सुनवाई के दौरान, अधिकारियों से हिंसक घटनाओं में कथित संलिप्तता के लिए नागरिकों के सैन्य मुकदमों के बारे में विवरण प्रदान करने को कहा था। अदालत ने सभी विवरण 28 मार्च तक प्रस्तुत किए जाने के साथ यह सूचित करने का आदेश दिया था कि ‘‘कितने संदिग्धों को बरी किया जा सकता है।

हिंसा के मामले में खान की पार्टी के कई कार्यकर्ता गिरफ़्तार

अटॉर्नी जनरल ने अदालत को बताया कि लगभग 20 संदिग्धों को उनके मुकदमे और सेना प्रमुख द्वारा सजा में रियायत सहित अन्य औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद रिहा किया जा सकता है। हिंसा के मामले में खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में कथित रूप से शामिल लोगों पर सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाया गया।

 

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