पाकिस्तान में आए दिन किसी न किसी बात को लेकर विवाद होता ही रहता है। इसी बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के बीच की तल्खी अब सबके सामने आ गया है। बता दें शाहबाज शरीफ ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के लिखे गए लेटर पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति को संविधान की किताब पढ़नी चाहिए। मुझे नहीं पता कि वह इतनी जल्दी में क्यों हैं। कार्यवाहक प्रधानमंत्री की जल्द नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति की तरफ से लिखे गए पत्र के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री को लेकर राष्ट्रपति जल्दबाजी में हैं।
राष्ट्रपति को संविधान की किताब पढ़नी चाहिए-शहबाज
आपको बता दें शहबाज शरीफ ने कहा कि संवैधानिक तौर पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए संविधान में 8 दिन का समय तय किया गया है और उम्मीद है कि कल तक किसी नाम पर सहमति बन जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को इंतजार करना चाहिए था, राष्ट्रपति को संविधान की किताब पढ़नी चाहिए। संविधान में आठ दिन का समय है, मुझे नहीं पता कि राष्ट्रपति को पत्र लिखने में इतनी जल्दी क्यों थी। राष्ट्रपति
विपक्ष के नेता की सलाह से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते-
दरअसल, इस बयान से कुछ घंटे पहले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भंग नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद को पत्र लिखकर कल तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम बताने को कहा था। राष्ट्रपति ने पत्र में लिखा कि संविधान के अनुच्छेद 224 (1) ए के तहत राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता की सलाह से कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं।
इसके साथ ही अल्वी ने लेटर में लिखा कि संविधान के तहत, प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता को नेशनल असेंबली के विघटन के 3 दिनों के भीतर कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम प्रस्तावित करना होता है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने लिखा कि मैंने प्रधानमंत्री का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, 9 अगस्त को नेशनल असेंबली भंग कर दी है। प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता 12 अगस्त तक उपयुक्त कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम सुझाएं।