देश के कई हिस्सों में जारी सांप्रदायिक हिंसा के बीच श्रीराम की नगरी अयोध्या से आगरा आए जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल में प्रवेश नहीं करने दिया गया। जानकारी के मुताबिक उन्होंने भगवा वस्त्र धारण किए हुए थे और उनके हाथ में ब्रह्मदंड था, इस वजह से उन्हें ताजमहल में एंट्री नहीं दी गई। बता दें कि परमहंस आचार्य के शिष्य के पास ताजमहल में प्रवेश करने का टिकट था, इसके बावजूद जगद्गुरु को ताजमहल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी।
गोविंद पराशर ने ताजमहल को बताया तेजोमहल
जबकि राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत के अध्यक्ष गोविंद पराशर बुधवार को अपने समर्थकों के साथ ताजमहल में घूमे। बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा कि यह हमारा तेजोमहल है और इसमें सभी भगवाधारी आ सकते हैं। जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने सीआईएसएफ जवानों को टिकट होने की बात बताई, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। परमहंस आचार्य ने भी कहा है कि वह 5 मई को अपने शिष्यों के साथ दोबारा ताजमहल जाएंगे। इसके बाद वहां के अन्य पर्यटकों को टिकट देकर उनके पैसे लौटा दिए गए और संत सभी लोगों को आशीर्वाद देकर अयोध्या वापस लौट आए।
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं परमहंस आचार्य
बता दें कि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने संतों का अपमान करने के लिए उनसे माफी भी मांगी है। अब मामले में जिम्मेदार अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जगद्गुरु परमहंस आचार्य पहले तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की थी। इतना ही नहीं, उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगर भारत सरकार 2 अक्टूबर तक हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं करती है, तो वे जल समाधि ले लेंगे। हालांकि पुलिस ने उन्हें जल समाधि लेने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।