उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब लगभग नियंत्रण में आ गया है तो दूसरी तरफ प्रदेश में टीकाकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार यार्ड में खड़-खड़ जंग खाने से स्टार्ट होने की दशा में नहीं रह गयी है। इसलिए उसे रेलवे की सिकलाइन में पहुंचा दिया गया है।
दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने भी मान लिया है कि जब इस सरकार को जाना ही है तो ज्यादा माथापच्ची क्यों की जाए? प्रदेश कोरोना महामारी के समय भाजपा सरकार पूरी तरह असहाय मुद्रा में रही। इलाज और दवाओं के अभाव में मरीज तड़प-तड़प कर मरते रहे। आपदा में अवसर तलाशने वालों ने खुली लूट की। सत्ता संरक्षित अपराधियों की चांदी रही। ध्यान भटकाने के लिए नए-नए प्रोपैगंडा और हंथकडे ही भाजपा का शासन है।
मुख्यमंत्री चाहे जितने दावे करें बढ़ते संगठित अपराध और सत्ता संरक्षित अपराधियों के आगे पूरा सिस्टम पस्त है। खुद मुख्यमंत्री के गृह जनपद में बेखौफ अपराधी लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। गोरखनाथ मंदिर के निकट रहने वाले 11 घरों को खाली कराने के लिए सत्ता का दबाव काम कर रहा है। गोरखपुर के गली मोहल्लों में अवैध असलहों की भरमार है। जनपद के 11 जिलों में 4132 अवैध असलहे मिले। किसी बेचने वाले पर कार्यवाही नहीं हुई। जो मुख्यमंत्री अपना जनपद नहीं संभाल सकते है, वह प्रदेश क्या संभालेंगे?