पाकिस्तान ने भारत से पोलियो मार्कर के आयात पर प्रतिबंध हटाते हुए इसकी अनुमति देने का निर्णय लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से अनुमोदित इस मार्कर का इस्तेमाल बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के बाद उनके हाथों पर निशान लगाने के लिए किया जाता है। इस निशान से यह पता चल जाता है कि किन बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा चुकी है।
भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को समाप्त किये जाने के बाद पाकिस्तान सरकार ने नौ अगस्त को भारत से सभी तरह के व्यापार को स्थगित करने का निर्णय लिया था। चूंकि इससे पहले भारत से बड़ी संख्या में दवाओं और इससे संबंधित कच्चे माल के आयात किये जाते रहे थे इसलिए देश के दवा उद्योग ने व्यापार पर प्रतिबंध को हटाने की मांग शुरू कर दी और कहा कि ऐसा नहीं किये जाने पर पाकिस्तान को कुछ ही हफ्तों में दवाओं की कमी के गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।
इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान सरकार ने सितंबर में भारत से दवाओं और इससे संबंधित कच्चे माल के आयात पर से प्रतिबंध हटा लिया था। पोलिया के लिए आपातकालीन संचालन केंद्र के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ राणा सफदर ने कहा कि बच्चों की उंगलियों पर निशान लगाने के लिए गैर-विषैले मार्कर की जरूरत थी।
उन्होंने कहा, “दुनिया में डब्ल्यूएचओ के केवल दो प्री-क्वालिफाइड उत्पादक हैं-भारत और चीन। दोनों देश गैर-विषैले मार्कर बनाते हैं क्योंकि बच्चें अक्सर मार्कर की स्याही को अपने मुंह से लगा लेते हैं। डब्ल्यूएचओ हमारे लिए मार्कर खरीदता है और अतीत में इसने चीन से मार्कर खरीदे थे जिनकी गुणवत्ता को लेकर विवाद हो गये थे। हमने शिकायत दर्ज कराई थी कि निगरानी टीम के दौरे से पहले ही मार्कर के निशान मिट गये थे।”
डॉ राणा सफदर ने कहा, “डब्ल्यूएचओ ने भारत से मार्करों की खरीद शुरू कर दी थी और व्यापार पर प्रतिबंध की घोषणा से पहले इसने 800,000 मार्कर बनाने का ऑर्डर दिया था लेकिन प्रतिबंध के कारण यह स्टॉक पाकिस्तान नहीं आ सका था। लेकिन प्रतिबंध को हटाये जाने के निर्णय के बाद हमें मार्करों का यह स्टॉक मिल जाएगा। इस बीच गुणवत्तापूर्ण मार्कर उपलब्ध कराने के लिए चीनी विनिर्माताओं से भी संपर्क किया गया है।