दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन करते हुए अवैध तरीके से मिशनरी गतिविधियों में शामिल होने और वीज़ा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज़ के कार्यक्रम में शिरकत करने वाले 294 विदेशी नागरिकों के खिलाफ एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।
पुलिस ने मलेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और कई अफ्रीकी देशों समेत 14 मुल्कों के नागरिकों के खिलाफ 15 आरोप पत्र दायर किए हैं। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सायमा जमील ने मामले की सुनवाई 17 जून को मुकर्रर की है। इससे पहले, पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में 20 देशों के 82 नागरिकों के खिलाफ 20 आरोप पत्र दायर किए थे।
नए आरोप पत्र के मुताबिक, विदेशी नागरिकों के खिलाफ, वीजा नियमों को तोड़ने, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी दिशानिर्देशों और महामारी अधिनियम तथा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ, भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा करने), 269 (उपेक्षापूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभव हो), 270 ( परिद्वेषपूर्ण कार्य, जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभव हो), 271 (पृथक-वास में रहने की अवज्ञा) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
पहले के आरोप पत्र के मुताबिक, चार आरोपी अफगानिस्तान के थे जबकि ब्राजील और चीन से सात-सात, अमेरिका से पांच, ऑस्ट्रेलिया, कज़ाकिस्तान, मोरक्को, ब्रिटेन से दो-दो, यूक्रेन, मिस्र, रूस, जॉर्डन, फ्रांस, ट्यूनीशिया और बेल्जियम से एक-एक, अल्जीरिया से आठ, सऊदी अरब से 10, फिजी से 14 और सूडान और फिलीपीन से छह-छह लोग हैं।
दिल्ली के निमाजुद्दीन में हुए इज्तिमे (धार्मिक जमावड़ा) में शामिल होने वाले तबलीगी जमात के कई सदस्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई थी। इस कार्यक्रम में विदेशी नागरिकों समेत 9,000 लोगों ने हिस्सा लिया था।