पटना : लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान ने आज लोकसभा में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा प्रमोशन में आरक्षण पर दिये गये फैसले प्रमोशन आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाते हुए इस फैसले का जोरदार विरोध किया।
लोजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि श्री चिराग ने पूरे सदन में तथा लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष अपनी बात को रखते हुए कहा कि देश में आरक्षण संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बीच में हुए पुना पैक्ट का ही परिणाम है, अनुसुचित जाति एवं जनजाति के वर्गो से आने वाले लोगों का संवैधानिक अधिकार है। आरक्षण दलित एवं वंचित समुदाय को मिलने वाली कोई खैरात एवं दया नहीं है।
श्री चिराग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 07 फरवरी 2020 को दिये गए इस फैसले को लोकजनशक्ति पार्टी पुरी तरह से खारिज करती है और इससे सहमत नहीं है, साथ ही उन्होंनें अविलंब केन्द्र सरकार से इस फैसले पर हस्तक्षेप करने की मांग की तथा कहा कि आरक्षण से जुड़े जितने भी एक्ट है उन सभी एक्टों को संविधान की 9वीं अनुसुची में डालने की मांग की जिससे समय समय पर लोग आरक्षण के विरोध में न्यायालय में चले जाते हैं जिससे बार बार देश में आरक्षण को लेकर होने वाली दुविधा और संसय की स्थिति जो उत्पन्न होते रहती है वह समाप्त हो सके।
श्री चिराग ने कहा कि वर्तमान एनडीए की सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आरक्षण प्रणाली को और भी मजबूत किया गया है जिससे समाज के सभी वर्गो को आज देश में आरक्षण मिल रहा है और कोई भी वर्ग आरक्षण से वंचित नहीं है। लोजपा प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता संजय पासवान ने भी उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए इस फैसले का जोरदार विरोध किया है।