दिल्ली में वायु प्रदूषण को बढ़ाने वाली पड़ोसी राज्यों के किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं में इस साल अक्टूबर के शुरुआती दस दिनों में पिछले साल की तुलना में 60 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ कृषि मंत्रालय द्वारा साझा किये गये आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में पराली जलाने की घटनाओं में सर्वाधिक 75 प्रतिशत कमी आई है।
उल्लेखनीय है कि 10 अक्टबूर को नासा की उपग्रह आधारित तस्वीरों के आधार पर पंजाब में उन 23 स्थानों को चिन्हित किया गया था जहां बड़े पैमाने पर पराली जलायी जा रही थी। इसके बाद ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता में तीव्र गिरावट की आशंका के बाद दिल्ली एनसीआर में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 245 के स्तर पर पहुंचने के बाद वायु प्रदूषण ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
सर्दियों से पहले ही दिल्ली-NCR में छाई धुंध, हवा की गुणवत्ता हुई खराब
अक्टूबर के शुरुआती दस दिनों में ही कृषि अपशिष्ट के रूप में पराली जलाने की शुरुआत होती है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर के शुरुआती दस दिनों की तुलना में इस साल पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में 58 प्रतिशत कमी आयी है। इसमें पंजाब में 60 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 75 प्रतिशत और हरियाणा में 48 प्रतिशत गिरावट दर्ज किये जाने के बावजूद अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं को बढ़ा दिया है।
पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों को पराली जलाने के विकल्प मुहैया कराये जाने और निगरानी तंत्र मजबूत बनाने का हवाला देते हुये आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में गिरावट आने का दावा किया था।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में गिरावट के लिये मौसम संबंधी गतिविधियां भी एक वजह होती हैं। इनमें मानसून की वापसी के बाद हवा की गति और तापमान में गिरावट के कारण वायु प्रदूषण के लिये जिम्मेदार पार्टिकुलेट तत्वों की वायुमंडल में मौजूदगी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर मंत्रालय ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पराली जलाने के अलावा वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले अन्य कारणों पर सख्त निगरानी तेज कर दी है। इसके लिये केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 47 निगरानी दल कार्यरत हैं।