नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। प्रदेश के तीनों कार्यकारिणी अध्यक्षों को लेकर दिल्ली कांग्रेस के भीतर खासा मतभेद है। कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया को लेकर पहले ही तमाम जिलाध्यक्ष लामबंद हैं। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में प्रदेश के पदाधिकारों की बैठक थी। बैठक खासा हंगामेदार हुई। बैठक का एजेंडा तय था लेकिन एजेंडे से इतर जाकर राजेश लिलोठिया ने गठबंधन की बात छेड़ दी। लिलोठिया ने गठबंधन न करने की बात कहते हुए जैसे ही अपनी बात कहनी चाही, प्रदेश प्रभारी पीसी चाको भड़क गए और उन्होंने भरी मीटिंग में लिलोठिया को फटकार लगा दी।
सूत्रों का कहना है कि चाको ने लिलोठिया को फटकारते हुए कहा कि जब यह मामला राहुल गांधी के पास पेडिंग है तो फिर बार-बार इस मसले को क्यों यहां डिसकस किया जा रहा है? बताया जा रहा है कि लिलोठिया के जिलाध्यक्षों के साथ व्यवहार पर भी चाको ने उन्हें चेताया। बताया जा रहा है कि बैठक में लिलोठिया को लेकर चाको ने एक बार नहीं बल्कि दोबार फटकारा है। सूत्रों का कहना है कि चाको ने यहां तक कह दिया कि क्या वह राहुल गांधी से बड़े हो गए हैं? उन्हें (लिलोठिया) जिस काम की जिम्मेदारी दी गई है, वह ठीक से करें बस। इससे पहले बैठक में जिलाध्यक्ष की राय पूछी गई थी।
जिसमें कई जिलाध्यक्षों ने लिलोठिया के व्यवहार पर सवाल उठाए, जिसके बाद ही प्रदेश प्रभारी ने लिलोठिया को चेताया। यहां यह बता दें कि हाल ही में लिलोठिया ने एक बैठक के दौरान जिलाध्यक्षों पर गठबंधन के खिलाफ प्रस्ताव पर साइन करने का दबाव बनाया था, जिसके बाद ही जिलाध्यक्ष लिलोठिया के खिलाफ लामबंद होने लगे थे। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष शीला और पीसी चाको के अलावा कार्यकारी अध्यक्ष हारून युसूफ, प्रदेश सहप्रभारी कुलजीत सिंह नागरा, किरन वालिया, मंगतराम सिंघल तथा सभी 14 जिलाध्यक्ष मौजूद थे। बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा घोषित मेनीफेस्टो को बूथ लेबल तक पहुंचाने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
शीला दीक्षित ने सभी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि गठबंधन के फेर में न पड़े, गठबंधन होगा या नहीं होगा उसे छोड़ कर चुनावों की तैयारी में जुट जाएं। बैठक में यह बात भी सामने आई कि बिना जिलाध्यक्षों की जानकारी के अन्य पार्टियों के नेताओं को शामिल कराया जा रहा है, जिस पर जिलाध्यक्षों ने आपत्ति जताई है। जिलाध्यक्षों ने कहा कि वर्कर के भीतर गठबंधन को लेकर असमंजस का माहौल है, आज दिल्ली के विधायकों का वह पुतला फूंकते हैं और कल आप पार्टी के साथ गठबंधन हो जाता है तो वह उनके साथ काम कैसे कर पाएंगे? अतः गठबंधन लेकर जो भी फैसला लेना है जल्द लें। गठबंधन के फैसले में लगातार देरी से दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति बिगड़ती जा रही है।
तीनों कार्यकारी अध्यक्ष चाहते लोकसभा टिकट
प्रदेश कांग्रेस में इस बात को लेकर खासी चर्चा है कि तीनों कार्यकारी अध्यक्षों हारून युसूफ, देवेन्द्र यादव तथा राजेश लिलोठिया लोकसभा का टिकट चाहते हैं। यही वजह है कि वह आप पार्टी के साथ होने वाले गठबंधन के खिलाफ खड़े हैं। उन्हें यह बात मालूम है कि अगर गठबंधन हुआ तो उनको टिकट नहीं मिलेगा? यही नहीं दिल्ली के कांग्रेसियों में इस बात की चर्चा है कि तीनों के बीच में तालमेल का अभाव है। कई मौकों पर इनके बीच वैचारिक टकराव हो चुके हैं।
टिकट पाने के लिए तीनों हर संभव कोशिश में लगे हैं। देवेन्द्र यादव तो अपनी ताकत दिखाने के लिए पिछले पांच-छह दिनों से उत्तर नगर निगम क्षेत्र में साइकिल यात्रा निकाल कर आलाकमान को खुश करने की कोशिश करने में लगे हैं। लेकिन वास्तविकता तो यह है कि इस साइकिल रैली में शामिल लोगों को रात में ठहराने और खाना खिलाने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सिर-फुटव्वल हो चुका है। देवेन्द्र यादव पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा का टिकट मांग रहे हैं।
जबकि लिलोठिया उत्तर-पश्चिम से टिकट के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। तीसरे कार्यकारी अध्यक्ष हारून युसूफ अभी तक भले किसी विवाद में नहीं पड़े हैं लेकिन उन्होंने अपने पूर्वी नगर निगम के क्षेत्र में किया भी कुछ नहीं है। हारून चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से टिकट के लिए लॉबिंग करने में लगे हैं।
– सुरेन्द्र पंडित