महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को किक्रेट से जोड़ते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों (क्रिकेट और राजनीति) में ‘कुछ भी’ हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो मैच हारता हुआ दिखाई देता है वास्तव में वह जीत भी सकता है। गडकरी का बयान ऐसे वक्त आया है जब बीजेपी से अलग हो चुकी शिवसेना कांग्रेस और राकांपा की मदद से सरकार बनाने का प्रयास कर रही है।
तीनों दल संभावित सरकार के मार्गदर्शन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम का मसौदा तैयार कर चुके हैं। महाराष्ट्र में बने राजनीतिक हालात के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कभी आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं लेकिन परिणाम एकदम विपरीत होता है।’’ वह गुरुवार को मुंबई में ‘आउटलुक बिजनेस लीडिंग ऐज 2019’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बारे में कुछ भी और कहने से मना कर दिया, हालांकि कहा कि वह दिल्ली में अधिक समय गुजारते हैं और अपने गृह राज्य की राजनीति के बारे में ज्यादा नहीं जानते। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्रिकेट में आप गेंद को देख सकते हैं लेकिन राजनीति में तो वह भी नजर नहीं आती।’’
उन्होंने यह बात गडकरी की टिप्पणी के जवाब में कही। चुनावों के बाद बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। वहीं 56 सीटों के साथ शिवसेना दूसरे स्थान पर रही। राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। राज्य में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन के पास कम से कम 145 विधायक होने चाहिए। राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है।