राज्यसभा में गुरुवार को कांग्रेस के एक सदस्य ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर के निकट पिछले माह विस्फोटक सामग्री रखा एसयूवी वाहन बरामद होने का मामला उठाया और यह जानना चाहा कि क्या जांच में अभी तक उस व्यक्ति से पूछताछ की गयी जिसने जिलेटिन छड़ों की आपूर्ति की थी? शून्यकाल में पार्टी के कुमार केतकर ने इसके साथ ही दादरा एवं नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या का भी मामला उठाया।
मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत का मामला उठाते हुए केतकर ने कहा कि इस मामले में एक जानेमाने उद्योगपति के घर के बाहर एक कार में जिलेटिन छड़े मिली थीं। उन्होंने कहा कि इस मामले की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) जांच कर रही है लेकिन अभी तक यह जांच नहीं हुई है कि जिलेटिन का निर्माता या वितरक कौन है। केतकर ने कहा, ‘‘किसने जिलेटिन की आपूर्ति की और किस उद्देश्य से की, इसकी पूरी जांच हो। जिस व्यक्ति ने जिलेटिन आपूर्ति की उसकी पृष्ठभूमि क्या है?’’
कांग्रेस के सदस्य जब इस मामले को उठा रहे थे तो राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह मामले को उठाए लेकिन किसी के खिलाफ आरोप ना लगाएं। इसके जवाब में केतकर ने कहा कि महाराष्ट्र में अपराध का विषय उठा रहे हैं और इन मामलों में उचित जांच नहीं हो रही है। बता दें कि एक स्कॉर्पियो दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 25 फरवरी को खड़ी मिली थी। इस गाड़ी में से जिलेटिन की कुछ छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला था। एनआईए ने इस मामले में मुंबई पुलिस के पिछले दिनों निलंबित अधिकारी सचिन वाजे के घर की तलाशी ली। वाजे एनआईए की जांच के केंद्र में है।
अपराध में कथित भूमिका को लेकर वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद वाजे को पुलिस सेवा से निलंबित कर दिया गया था। उच्च सदन में मोहन डेलकर की आत्महत्या मामले को उठाते हुए केतकर ने कहा कि वह सात बार के सांसद थे लेकिन ना तो मीडिया और ना ही एनआईए उनकी मौत की जांच को लेकर कोई दिलचस्पी ले रहा है। उल्लेखनीय है कि सांसद डेलकर 22 फरवरी को मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए थे।