किसान आंदोलन को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का संग्राम, कृषि कानूनों पर कल होगी चर्चा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

किसान आंदोलन को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का संग्राम, कृषि कानूनों पर कल होगी चर्चा

विपक्ष के नोटिस पर सभापति नायडू ने कहा, “किसानों के साथ बातचीत चल रही है और कल राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान इस मामले पर चर्चा की जा सकती है।”

संसद में कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर आज खूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में स्थगन नोटिस दिया, जिसको सभापति एम वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया। इसके बाद विपक्ष ने कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। 
विपक्ष के नोटिस पर सभापति नायडू ने कहा, “किसानों के साथ बातचीत चल रही है और कल राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान इस मामले पर चर्चा की जा सकती है।” राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, द्रमुक के टी. शिवा, बहुजन समाज पार्टी के अशोक सिद्दार्थ, माकपा के ई. करीम द्वारा नोटिस दिए गए हैं। 
1612243001 rajya sabha
विपक्ष ने राज्यसभा के नियम 267 के तहत नोटिस दिया। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, “मामला गंभीर है और किसान महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए। यही बात बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कही थी।” विपक्ष ने राज्यसभा के कामकाज को स्थगित करने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की भी मांग की है। इससे पहले, शुक्रवार को 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। 
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा था, “बहिष्कार का एकमात्र मुद्दा कृषि कानून हैं।” इससे पहले, विपक्षी दलों के एक संयुक्त बयान में कहा गया था, “भारत के किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ रहे हैं, जो मनमाने ढंग से बीजेपी सरकार द्वारा लागू किए गए हैं। ये कानून भारतीय कृषि के भविष्य को खतरे में डालते हैं जो भारत की 60 प्रतिशत आबादी है और यह किसानों, बटाईदारों और खेत मजदूरों की करोड़ों की आजीविका है।” 
हालांकि, शनिवार को संसद के बजट सत्र से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक टालने के लिए तैयार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 + 14 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।