अपने खेतों में 1980 से कृषि बिजली के कनेक्शन से वंचित होने से परेशान एक किसान ने हाल ही में महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की मौजूदगी में जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। किसान ईश्वर खराटे ने शनिवार (15 जून) को खुद की जान लेने की कोशिश की।
मंगलवार को यहां मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन को आत्महत्या करने के अपने प्रयास के प्रति चेता दिया था क्योंकि उन्हें लगभग चार दशकों से बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया है। खराटे ने कहा कि उनके दादा ने संबंधित स्थानीय अधिकारियों को आवेदन दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। इसी वजह से अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए उन्हें चरम उपाय का सहारा लेना पड़ा। उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और बाद में उनकी हालत स्थिर होने के बाद छुट्टी दे दी गई।
खराटे के आरोपों को गलत बताते हुए महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड (एमएसईबी) के प्रवक्ता पी. एस. पाटील ने कहा कि एमएसईबी की ऊर्जा वितरण शाखा उन्हें बिजली कनेक्शन देने के लिए तैयार है, बशर्ते वह प्रासंगिक औपचारिकताओं को पूरा करें।
पी. एस. पाटील ने कहा, ‘उन्होंने बार-बार याद दिलाने के बावजूद कोटेशन राशि का भुगतान नहीं किया है। हमारे कार्यकारी इंजीनियर और अन्य अधिकारियों ने अस्पताल में किसान से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि वह भुगतान करें ताकि हम उन्हें तुरंत कनेक्शन दे सकें।’
उन्होंने कहा कि कंपनी राज्य के 224000 किसानों को बिजली कनेक्शन देने के अभियान में लगी हुई है, ऐसे में महज एक किसान को इससे वंचित रखने की कोई वजह नहीं हो सकती। बात सिर्फ इतनी है कि निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन तो सभी को करना होता है। हम इस तरह की नाटकीय हरकतों की वजह से किसी के लिए नियमों को नहीं तोड़ सकते।