मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो दिन की बैठक शुरू हाे गई है। हालांकि, माना जा रहा है कि गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली समिति नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगी। वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में बिकवाली के दौर के बीच अंशधारकों को छह सदस्यीय समिति की बैठक के नतीजों का इंतजार है। दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में एमपीसी ने नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया था। दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर यानी 5.21 प्रतिशत पर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2017 में 4.88 प्रतिशत तथा दिसंबर, 2015 में 3.41 प्रतिशत पर थी।
अगस्त में केंद्रीय बैंक ने रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती की थी जिससे यह छह साल के निचले स्तर छह प्रतिशत पर आ गई थी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम चढ़ रहे हैं और मुद्रास्फीति के ऊपर की ओर बने रहने के आसार हैं। साथ ही सरकार ने फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया है। ऐसे में बैंकरों तथा विशेषज्ञों का मानना है कि रिजर्व बैंक लगातार तीसरी बार नीतिगत दरो में बदलाव नहीं करेगा।
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