बिहार के सभी वामदलों की ओर से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में कल राज्यव्यापी बंद का महागठबंधन में शामिल सभी दलों ने समर्थन किया है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने आज यहां महागठबंधन के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 19 दिसंबर को वामदलों और 21 दिसंबर को मुख्य विपक्षी पार्टी के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के आह्वान पर बिहार बंद को संयुक्त रूप से सफल बनाने का निर्णय लिया गया है।
हालांकि संवाददाता सम्मेलन से पूर्व महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं की हुई बैठक में राजद की ओर से कोई भी नेता शामिल नहीं हुए। श्री कुशवाहा ने कहा कि यह कानून देश को तोड़ने वाला है। एनआरसी लागू कर देश के लोगों से प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है।
रालोसपा अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी ने नागरिकता प्रमाण नहीं देने का निर्णय लिया है। बिहार बंद को समर्थन देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को वामदलों और 21 दिसंबर को राजद के बंद को यहां पर उपस्थित सभी पार्टियों का पूरा समर्थन है।
इस बीच राज्य पुलिस मुख्यालय ने वामदलों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान को देखते हुए एहतियात के तौर पर सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंध किए हैं। बेवजह उत्पात मचाने वालों पर जहां कड़ नजर रखी जाएगी वहीं दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों के साथ ही पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं।
वहीं, पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा कि सख्त सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। इसी के तहत दंडाधिकारी के नेतृत्व में बड़ संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ जहां कड़ कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया गया है वहीं आम लोगों को बेवजह परेशान करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।